Bilkis Bano Case: गुजरात के ऐतिहासिक बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 08 जनवरी 2024 को अहम फैसला सुनाया था. जस्टिस बीवी नागत्ना की पीठ ने बिलकिस बानो मामले में दोषियों को बरी करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था. इसके साथ ही दोषियों को एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का फैसला भी सुनाया था.
11 में से तीन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सरेंडर की अवधि बढ़ाने की मांग की है. गोविंद नाई ने कोर्ट से 4 हफ्ते की मोहलत मांगी है, जबकि मितेश भट्ट और रमेश चांदना ने 6 हफ्ते की मोहलत मांगी है. इन दोषियों ने निजी कारणों का हवाला दिया है.
मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से इस मामले में फैसला लेने को कहा था. इसके बाद गुजरात सरकार ने रिहाई पर फैसला लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी की सिफारिश पर गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था.
2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था. इसके बाद गुजरात में दंगे फैल गए. इन दंगों की चपेट में बिलकिस बानो का परिवार भी आया. मार्च 2002 में बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया था. इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनमें से एक दोषी ने गुजरात हाई कोर्ट में अपील दायर कर सजा माफी नीति के तहत रिहाई की मांग की थी. गुजरात हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. इसके बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. First Updated : Thursday, 18 January 2024