Gurugram: हरियाणा में भड़की हिंसा ने हर किसी को हिला कर रख दिया है. इस सब में सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर हुआ जो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं. अब कैसे उनकी रोजी - राती चलेगी. पिछले 4 दिनों से कर्फ्यू (curfew since 4 days) लगा हुआ हैं. घर में दो वक्त की रोती का एक निवाला तक नसीव नहीं हो रहा है. ऐसे में उनके सामने नूंह को छोड़ने के अलावा और कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. 

लोगों की बड़ी संख्या में सुबह - सुबह सिर पर सामान लादे महिलाएं अपने बच्चों को गोद में लिए भूखे पेट नूंह को छोड़कर जाते हुए नजर आ रही हैं. सभी ने दो दिनों से कुछ भी नहीं खाया है. ''बच्चों को दूध'' नहीं मिला है. इसीलिए अब ''कर्फ्यू खत्म होने का इंतजार'' नहीं किया जा सकता है. लोग पैदल ही भीषण गर्मी और उमस में मजदूरों के परिवार नूंह छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.

 उम्रदराज़ महिलाएं - पुरुष, गर्भवती महिलाएं, छोटे - छोटे बच्चे सब लोग नूंह को छोड़कर जा रहे हैं. अगर वह यहां रहेंगे तो खाएंगें क्या? आपको बता दें नूंह से सूहाना करीब 20 किलोमीटर दूर है, गुड़गांव भी करीब 40 से 45 किलोमीटर दूर है, लेकिन मजदूर पैदल ही इस लंबी दूरी को तय कर रहे हैं, क्योंकि कर्फ्यू के चलते कोई भी गाड़ी नहीं चल रही है.