ज्ञानवापी केस: हाईकोर्ट ने ASI को कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने की अनुमति दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए।

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Gyanvapi-Kashi Vishwanath case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति दी है। हालांकि, स्ट्रक्चर में किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाने का भी निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने HC (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की रिपोर्ट के आधार पर कथित शिवलिंग की साइंटिफिक सर्वे की जांच कराने का आदेश दे दिया।

उल्लेखनीय है कि 16 मई, 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का न्यायालय द्वारा अनिवार्य सर्वेक्षण संपन्न हुआ। सर्वेक्षण दल को मस्जिद के वुज़ू खाना की पश्चिमी दीवार में 12 फुट लंबी, 8 इंच चौड़ी पत्थर की संरचना मिली। हिंदू पक्ष का दावा है कि ढांचा एक शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि यह एक फव्वारा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि एएसआई को संरचना को नुकसान पहुंचाए बिना या बिना किसी नुकसान के कार्बन डेटिंग करनी चाहिए। कार्बन डेटिंग बहुत पुरानी वस्तुओं में कार्बन के विभिन्न रूपों की मात्रा को माप कर उनकी आयु की गणना करने की एक विधि है।

हिंदू का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि "एएसआई ने अदालत के सामने वैज्ञानिक सर्वेक्षण की कई तकनीकें पेश की हैं। 22 मई को जिला न्यायाधीश तय करेंगे कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण कैसे किया जाएगा।" First Updated : Friday, 12 May 2023