Haj Policy 2025: भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को 2025 के लिए हज नीति जारी की है. इसका आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया गया है. इसके अनुसार, नई नीति में हज कमेटी का कोटा घटाकर 70 फीसदी कर दिया गया है. वहीं 30 फीसदी सीट निजी समूहों को दी गई है. इसके साथ ही वरीयता क्रम बदलते हुए 65 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए नए नियम लाए गए हैं. वहीं इनका सहायता के लिए रखे जानें वाले सहायक अधिकारी का पद नाम भी बदल दिया गया है.
साल भारत सरकार की ओर से हज के लिए नए नियम और दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं. इसमें महिलाओं, बुजुर्गों के लिए यात्रा सुनिश्चित करने के साथ ही कोटे को रिव्यू किया जाता है. इसके लिए भारत सरकार लोगों से सुझाव लेती है. विभिन्न संगठनों के साथ ही हज कमेटी इसके लिए सुझाव देती है. इसके बाद फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाता है.
- केंद्र सरकार की साल 2025 के लिए हज नीति हज समिति का कोटा घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया है. नई नीति के मुताबिक, भारत को आवंटित यात्रियों के कोटे में से 70 प्रतिशत हज समिति को दिए जाएंगे. शेष 30 प्रतिशत कोटा निजी हज समूहों को मिलेगा. 2024 में ये रेसियो 80-20 का था.
- नई नीति के अनुसार, 2025 के लिए प्राथमिकता का क्रम 65 से अधिक आवेदकों, बिना मेहरम वाली महिलाओं के बाद सामान्य श्रेणी होगा. इससे पहले प्राथमिकता में 70 साल से अधिक लोगों को रखा जाता था.
- नई नीति के मुताबिक, हज पर जाने वाले 65 वर्ष या इससे ऊपर के आवेदक अकेले नहीं जा सकेंगे. उन्हें अपने साथ एक मददगार ले जाना जरूरी होगा. बगैर मेहरम कैटेगरी की 65 वर्ष या ऊपर की महिलाओं को भी महिला सहयोगी को ले जाना अनिवार्य है.
- हज के दौरान यात्रियों की मदद के लिए भेजे जाने वाले खादिमुल हुज्जाज यानि हज सेवकों के पद नाम को बदल दिया गया है. नई नीति के अनुसार अब ये स्टेट हज इंस्पेक्टर कहलाएंगे. उनकी अभी तक शिकायत होती थी कि नाम के कारण उन्हें ऐसे लगता था जैसे नौकर बनाकर भेजा गया है.