वैसे तो आप हर दिन ही हंसी-मजाक करते हैं, लेकिन आज का दिन बेहद ही खास है आज के दिन सभी लोग खूब मस्ती करने के साथ-साथ अपने दोस्त, रिश्तेदारों, करीबीयों के साथ खूब प्रैंक्स भी खेलते हैं। 1 अप्रैल का इंतजार सभी बच्चों व बुजुर्गों को होता है। साथ ही इस दिन एक-दूसरे के साथ खूब मजाक किया जाता है।
साथ ही अपने जानने वालों को फूल बनाया जाता है।अप्रैल फूल वाले दिन कई देशों में नेशनल छुट्टी भी दी जाती है।पूरे देशभर में अप्रैल फूल का बहुत ही क्रेज रहता है। आप ने कभी न कभी किसी न किसी को अप्रैल फूल बनाया होगा या फिर आप खुद ही फूल बने होंगे। इस दिन को सभी लोग बहुत खुशी के साथ मनाते हैं, क्या कभी आप ने सोचा है कि 1 अप्रैल को ही क्यों किसी को फूल बनाया जाता है?
आपको बता दें कि 1 अप्रैल फूल की शुरुआत कब हुई थी। इस बात का पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया ।लोगों का अनुमान है कि अप्रैल फूल को पहली बार 15वीं से 16वीं शताब्दी के बीच में यूनाइटेड किंगडम में मनाया गया था। भारत में अप्रैल फूल की शुरुआत 19वीं शताब्दी में की गई थी। तभी से इस दिन की शुरुआत की गई थी।भारत में इस दिन को काफी चाव और मजे से सेलिब्रेट किया जाता है।
1 अप्रैल फूल को भारत,युके ,फ्रांस इटली, जर्मनी, यूक्रेन, ग्रीस, आयरलैंड, पोपलैंड, व आदि ऐसे देश है जहां पर अप्रैल फूल्स डे मनाया जाता है। कहा जाता है कि जब पोप ग्रेगरी xlll जॉर्जियन कैलेन्डर लागू करने की घोषणा की गई थी। तभी अप्रैल फूल की शुरुआत की गई थी।
जुलियन कैलेन्डर के मुताबिक 31 मार्च को महीना खत्म होता है।1 अप्रैल को नए महीने की शुरुआत होती है।उसी के साथ 1 अप्रैल फूल मनाया जाता है। फ्रांस में 1 जनवरी को साल का सेलिब्रेट किया जाता है। जुलियन कैलेन्डर को रद्द करने के बाद कई लोग ऐसे थें जो 1 अप्रैल को ही न्यू ईयर के रुप में मना रहे थे।जिसके कारण उन सभी लोगों का मजाक भी खूब बनाया गया।इसी कारण से 1 अप्रैल फूल की शुरुआत की गई थी। First Updated : Saturday, 01 April 2023