Happy Birthday PM Modi: जब सिख बन गए थे मोदी, पढ़िए उनके जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से

Happy Birthday PM Modi: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन है. इस खास मौके पर वह ओडिशा में देश की 1.30 करोड़ महिलाओं को सौगात देंगे. महिलाओं को इस सौगात में सुभद्रा योजना के जरिए से 5000 रुपये की पहली किस्त जारी की जाएगी. तो आइए जानते हैं पीएम मोदी के जन्मदिवस के खास मौके पर उनके जीवन से जुड़े कुछ अनकहे किस्से.

calender

Happy Birthday PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को 74वां जन्मदिवस है. इसी के साथ वह अपने जीवन के 75वें साल में प्रवेश करेंगे. पीएम मोदी लगातार 3 बार भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं. इस दौरान पीएम अपने जन्मदिवस के दिन देश की 1.30 करोड़ महिलाओं को सौगात देंगे.  बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने ओडिशा में ‘मोदी गारंटी’ दी थी, जिसमें वादा किया गया था कि अगर भाजपा की सरकार का दोबारा गठन होता है, तो हर महिला को पांच साल में 50000 रुपये मिलेंगे. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पात्रा ने बताया कि  पीएम मोदी का कहना था कि इस  प्रक्रिया की शुरुआत  17 सितंबर से  होगी. जिसमें लगभग 1 करोड़ 30 लाख महिलाओं को ‘सुभद्रा योजना’ के जरिए से 5000 रुपये की पहली किस्त जारी की जाएगी. दरअसल, 17 सितंबर को प्रधानमंत्री सुभद्रा योजना शुरू करने के लिए ओडिशा का दौरा करेंगे, जहां वे इसकी पहली किस्त जारी करेंगे. आइए पीएम मोदी के जन्म दिन के खास मौके पर पढ़ें उनके जीवन से जुड़े अनकहे किस्से. 

PM मोदी से जुड़े कुछ अहम किस्से 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन से जुड़ी वेबसाइट 'द मोदी स्टोरी' बीते दिन शनिवार को लॉन्च की गई. जिसे महात्मा गांधी की पोती सुमित्रा गांधी कुलकर्णी ने लॉन्च किया.  इस स्टोरी में आपको पीएम मोदी के जीवन से जुड़े कई अनकहे किस्सों के बारे में जानने को मिलेगा. आइए जानते हैं पीएम के जीवन से जुड़े किस्सों के बारे में. 

जब सिख बन गए थे पीएम मोदी 

पीएम मोदी के अनकहे किस्सों में सबसे खास किस्सा उनका सिख बनना है.  दरअसल,  मोदी के एक पड़ोसी से मिली जानकारी के अनुसार, इमरजेंसी के दौरान मोदी ने सिखों का रूप अपना लिया था.  इस वजह से वो पुलिस से बच जाते थे. इसके पीछे भी एक मजेदार कहानी है.  एक बार की बात है   जब पीएम मोदी सिख के भेष में बाहर निकले तो एक पुलिसकर्मी उनके पास आया और पूछा, आप कहां रहते हैं? जिस पर उन्होंने जवाब दिया, मुझे नहीं पता.  आप अंदर जाकर पूछताछ कर सकते हैं. 

जब पानी के साथ  खाई थी सूखी रोटी

पीएम मोदी के जीवन से ये किस्सा आपको एमोशनल करने पर मजबूर कर देगा.  दरअसल,  पीएम मोदी को एक बार पानी के साथ सूखी रोटी भी खानी पड़ गई थी. गुजरात के डॉ. अनिल रावल ने 1980 के दशक में मोदी के साथ यात्रा का एक किस्सा बयां किया.  जिसमें उन्होंने कहा कि  मोदी ने उन्हें बताया कि एक बार एक स्वयंसेवक ने उन्हें खाने के लिए न्योता दिया. 

स्वयंसेवक एक झुग्गी में पत्नी और बच्चे के साथ रहता था.  एक थाली में, उन्होंने मुझे आधी रोटी और एक दूध की छोटी कटोरी दी. बच्चा मां की गोद में था और दूध की कटोरी को बहुत ही गौर से देख रहा था.  मैं समझ गया था कि दूध उसके लिए है. मैंने आधी रोटी पानी के साथ खा ली और दूध छोड़ दिया. 

गरीबी में बीता बचपन 

पीएम मोदी का बचपन 6 भाई बहनों वाले परिवार में बहुत ही गरीबी में गुजरा है. बता दें कि  वडनगर रेलवे स्टेशन पर उनके पिता की चाय की दुकान थी. वह स्कूल से  लौटने के बाद मोदी पिता का हाथ बंटाते और चाय बेचा करते थे.  

 जब पकड़ लाए थे मगरमच्छ 

पीएम मोदी के जीवन से जुड़ा एक किस्सा ये भी है जब वह मगरमच्छ को घर ले आए थे. इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने दी.  उन्होंने बताया  था, जब वह फेमस शो 'मैन वर्सेज वाइल्ड' में बियर ग्रिल्स के साथ शूट कर रहे थे, तब  वह पास के एक तलाब में तैर रहे थे, तो उन्होंने वहां मगरमच्छ का एक बच्चा देखा. वह उसे घर ले आए, मगर उनकी मां ने उन्हें समझाया और कहा कि ऐसा करना पाप है. इसके बाद पीएम मोदी मगरमच्छ के उस बच्चे को वापस तालाब में छोड़ आए. 

कबड्डी मैच में विरोधी को हराया 

पीएम मोदी जब वडनगर के बी एन हाई स्कूल में पढ़ते थे, तब वहां दो टीमों के बीच एक इंट्रा-स्कूल कबड्डी मैच का आयोजन किया गया. एक टीम में युवा खिलाड़ी थे और जबकि दूसरे में ज्यादा उम्र के खिलाड़ी थे. चूंकि युवा खिलाड़ियों वाली टीम हर बार हार जाती थी, इसलिए उन्होंने मोदी से रणनीति बनाने को कहा. फिर पीएम मोदी एक ऐसी योजना लेकर आए जिससे उनकी टीम को मैच जीतने में मदद मिली. 

जब लिखा एक नाटक

नरेंद्र मोदी ने एक बार अपने स्कूल के समय ममें 'पीलो फूल' नाम से एक नाटक लिखा था. इस नाटक पर उन्होंने खुद अभिनय भी किया था. यह नाटक एक अछूत महिला के दुख पर आधारित था, जिसे मंदिर परिसर में आकर पूजा करने की इजाजत नहीं थी. 


First Updated : Tuesday, 17 September 2024