Haryana Assembly Election: सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में सरकार के सभी दावों को ठुकराते हुए कहा कि पिछले दस सालों में विकास नहीं विनाश किया है. हर जिले के छोटे-बड़े शहर, यातायात जाम, जलभराव, सीवर जाम या ओवर फ्लो, पेयजल संकट, स्ट्रीट लाइट जैसे समस्याओं से जूझ रहे है. बड़े- बड़े शहरों में लगने वाले जाम से जिंदगी ठहर जाती है. जलभराव में जिंदगी तैरती नजर आती है. प्रदेश की जनता मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही है. अगर भाजपा इसी को विकास कहती है तो प्रदेश की जनता को ऐसा विकास नहीं चाहिए. यहां तो लोग विकास को ढूंढ-ढूंढ कर लोग परेशान हैं.
भाजपा पर निशाना साधते हुए सैलजा ने कहा कि भाजपा जुमलेबाज है. दस साल से भाजपा के उत्पीड़न और शोषण का शिकार हो रही जनता इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी और कांग्रेस को सत्ता में लेकर आएगी. टूटी सड़कों से आवाजाही बदहाल है. कानून व्यवस्था चरमरा गई है.
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जब से सत्ता संभाली है. तभी से प्रदेश में धर्म और जाति के नाम पर जनता को आपस में लड़ाती रही है. विकास के नाम पर भाजपा ने प्रदेश को और पीछे धकेल दिया. यह सरकार कांग्रेस के शासन में लागू की गई योजनाओं के नाम बदलकर जनता को गुमराह करने का काम करती रही है. अगर भाजपा सरकार ने कुछ किया होता तो देश का अन्नदाता सड़कों पर न बैठा होता.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपने हक की आवाज उठाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर विकास होता तो ऐसा न होता. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार ने क्या कुछ किया है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से जवाब मांग रही है. पर ये सरकार तो तब जवाब देगी जब उसने कुछ किया हो. भाजपा सरकार ने दस साल में झूठी घोषणाओं के सिवाय कुछ नहीं किया.
मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीएम अपनी ही घोषणाओं पर अमल नहीं कर पाए. आज प्रदेश यातायात जाम, जलभराव, सीवर जाम या ओवर फ्लो, पेयजल संकट, स्ट्रीट लाइट जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है पर सरकार ने अपना कोई भी काम जिम्मेदारी से नहीं किया. झूठी घोषणाओं से जनता का पेट नहीं भरने वाला है.
कुमारी सैलजा ने कहा कि शहर में चले जाओ हर तरफ जाम ही जाम लगा दिखाई देता है. यातायात पुलिस को केवल चालान काटने का काम सौंपा हुआ है. यातायात जाम से उसे कोई लेना देना नहीं है. एनसीआर में शामिल जिलों में यो यातायात का बहुत ही बुरा हाल है. एंबुलेंस को निकलने तक के लिए रास्ता नहीं मिलता है. स्मार्ट सिटी का तमगा हासिल कर चुका फरीदाबाद को ही ले लो किसी भी मार्ग पर चल जाओ हर ओर लंबा जाम ही दिखाई देगा.
फरीदाबााद में 25 हजार छोटे बड़े उद्योग धंधे है. जहां पर आठ लाख कामगार काम करते है. 50 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा है तो 50 हजार से भारी माल वाहक वाहन है. उनको देखते हुए यातायात जाम से निपटने के लिए कोई नीति तक नहीं बनाई गई है. इस महानगर में जलभराव भी एक बड़ी समस्या बना हुआ है. बरसात होने पर नगर तालाब दिखाई देने लगता है. कैथल जैसा धार्मिक शहर जाम के झाम से जूझ रहा है.
उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता कि ये सरकार कैथल में सुधार करने आई थी या शहर को बदहाल बनाने. शहर के करनाल रोड, अंबाला रोड, ढांड रोड, जाखौली अड्डा, माता गेट, पिहोवा चौक, छोटू राम चौक, पुराना बस स्टैंड, छात्रावास रोड, अमरगढ़ कॉलोनी, हिंदू कन्या स्कूल रोड, कबूतर चौक, भगत सिंह चौक, चंदाना गेट, नया बस स्टैंड के बाहर, पार्क रोड, सीवन गेट, लघु सचिवालय में भी जलभराव से दिक्कतें हुईं.
कुमारी सैलजा ने कहा कि गुरुग्राम के हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि यातायात जाम से छुटकारा मिलने वाला नहीं है. बडकल चौराहा, ओल्ड फरीदाबाद चौराहा, अजरौंदा चौराहा, बाटा चौराहा सहित अधिकतर चौराहों पर जाम लगा ही रहता है और जरा सा पानी गिर जाए तो जलभराव की समस्या गुरुग्राम की तकदीर में दाग लगा देती है. बरसातों में गुरुग्राम में अधिकतर स्थानों पर जलभराव ही जलभराव दिखाई देता है.
रेवाडी, सोनीपत, करनाल, अंबाला, रोहतक, भिवानी, यमुनानगर, पानीपत, पंचकूला में कही भी चले जाओ वहां के लोग यातायात जाम, जलभराव, सीवरजाम या ओवर फ्लो, पेयजल संकट, स्ट्रीट लाइट जैसी समस्याओं को लेकर रोना रोते है. सिरसा नगर में हालात और भी बुरे है, सड़कें टूटी हुई है, गड्ढे ग्रस्त है. जरा सी बरसात होने पर सिरसा नगर झील जैसा दिखाई देता है. हर शहर में लोग विकास को ढूंढ-ढूंढ कर परेशान हैं.