हुड्डा की चिंता, कांग्रेस की टेंशन; कुमारी शैलजा ने बढ़ाया हरियाणा का पारा

Haryana Assembly Election: हरियाणा में अभी मतदान के लिए एक महीने का समय बचा हुआ है. हालांकि, चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है. इसके बाद से ही भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी चाल चलना शुरू कर दी है. इस बीच कांग्रेस समेत पार्टी के अन्य बड़े नेताओं की कुमारी शैलजा का बयान चिंता का विषय बना हुआ है. आइये जानें क्या है बयान और क्यों चिंता में आ गए हैं हुड्डा?

Shyamdatt Chaturvedi
Shyamdatt Chaturvedi

Haryana Assembly Election: चुनाव आयोग की ओर से हरियाणा में चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी-अपनी चाल चल रहे हैं. 90 सीटों के लिए दोनों दलों ने दावेदारों के नाम मांगना शुरू कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि कुछ जगहों पर तो नाम फाइनल भी हो गए हैं. इस बीच कांग्रेस में कुमारी शैलजा ने पारा बढ़ा दिया है. उन्होंने एक बयान दिया है. इससे आला नेता चिंता में पढ़ गए हैं. वहीं पार्टी के लिए भी टेंशन पढ़ गई है. आइये जानें उनका बयान और पूरी सियासत

हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए 1 अक्टूबर को मतदान होना है. इसके परिणाम 4 अक्टूबर को जनता के सामने आएंगे. 16 अगस्त को चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई तारीखों के अनुसार, 5 सितंबर को नोटिफिकेशन लागू होगा. इसी दिन नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 12 सितंबर नामांकन के लिए आखिरी तारीख होगा. वहीं 16 सितंबर नाम वापसी के लिए तय है.

क्या बोला है कुमारी शैलजा ने?

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने गुटबाजी की बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जमीन पर काम करते हैं. खुद के CM फेस के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं बहुत व्यावहारिक हूं और मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से जवाब दूंगी. किसी भी संगठन में महत्वाकांक्षा, काम करना, अपनी जगह बनाने की होड़ रहती है. इसमें कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य में काम करने की इच्छुक हूं. हालांकि, अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है.

हुड्डा की चिंता बढ़ी

कुमारी शैलजा के बयान के बाद प्रदेश में CM पद की रेस में सामिल कांग्रेस नेताओं की चिंता बढ़ गई है. मुख्यमंत्री पद के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि वह न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड’ हैं. बहुमत मिलने पर आलाकमान मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा. यानी वो अभी भी अपने आप को रेस में शामिल मान रहे हैं. ऐसे में सैलजा के मैदान में आ जाने से उनकी चिंता भी बढ़ गई है. वहीं पार्टी के भीतर भी गुटबाजी का आशंका होने लगी है. कांग्रेस को इसके लिए और भी अधिक काम करना पड़ेगा. ताकि, पार्टी में किसी तरह की फूट न हो.

17 सीटें हैं आरक्षित

बता दें हरियाणा की 90 में 73 सीटें सामान्य. वहीं 17 सीटें आरक्षित हैं. 27 अगस्त को राज्य के लिए फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी. राज्य में 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं. 20 हजार 629 पोलिंग बूथ हैं. 150 मॉडल पोलिंग बूथ हैं. अभी राज्य में निर्दलियों के साथ मिलकर भाजपा सरकार चला रही है.

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24 August 2024, 03:03 PM IST

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