Haryana Assembly Election: देश के प्रमुख दो राज्यों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनावों का दौर चल रहा है. हरियाणा बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के लिए खासा महत्व रखता है. ऐसे में यहां की सियासी हवा थोड़ी अलग है. दोनों पार्टियां साथियों के साथ सामंजस्य बनाने की कोशिश कर रही है. इस बीच दल बदल के मामले भी सामने आने लगे हैं. बताया जा रहा है कांग्रेस और AAP साथ में बढ़ना चाह रहे हैं लेकिन उनके बीच मामला कहीं फंस गया है. वहीं बीजेपी में हुई दिग्गज की एंट्री ने चुनाव की आस में बैठे पक्ष और विपक्ष के कुछ नेताओं की गणित बिगाड़ दी है.
बता दें हरियाणा में चुनाव की तारीखों का ऐलान 16 अगस्त को किया गया था. इसके अनुसार राज्य में 1 अक्टूबर को मतदान होने थे. इसके रिजल्ट 4 अक्टूबर को जारी करना था. हालांकि, बाद में इनमें परिवर्तन हुआ और 5 अक्टूबर मतदान के लिए नई तारीख तय की गई. अब चुनाव का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा.
जानकारी के अनुसार, पहले दोनों दल हरियाणा में अलग-अलग चुनाव लड़ने के प्लान में थे. हालांकि, बात में राहुल गांधी के मूड को देखते हुए साथ आने का पैसला लिया गया. कई दौर की बैठकों के बाद कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को 7 सीटों का ऑफर दिया था. हालांकि, AAP को 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की चाहत है. उनका तर्क है कि जो एक लोकसभा उन्होंनी जीती है. उसमें सीधे तौर पर 9 विधानसभी की सीटें आती है. ऐसे में उनको यहां मौक मिलना चाहिए.
दोनों दलों के बीच कई राउंड की हो बैठक में बातचीत हो चुकी है.कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सांसद राघव चड्ढा के साथ बैठकें की हैं. अब माना जा रहा है कि वेणुगोपाल एक बार और बैठक करेंगे. इसके बाद से वो अपने टिकटों का ऐलान कर देगे.
एक तरफ कांग्रेस और आप में बात नहीं बन रही है. दूसरी तरफ बीजेपी में दिग्गज की एंट्री हो गई है. पूर्व मंत्री व टोहाना के विधायक देवेंद्र सिंह बबली और पूर्व जेलर सुनील सांगवान ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है. गुरुग्राम जेल अधीक्षक ने भी VRS लेकर सियासत में कदम रखा है. बता दें सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान हरियाणा के मंत्री रहे चुके हैं.