चुनाव से पहले हरियाणा में फूट! क्यों कहा जा रहा है हुड्डा vs शैलजा?

Haryana Vidhan Sabha Chunav: हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024 में अपने प्रदर्शन में सुधार के बाद अब कांग्रेस की नजरें आने वाले विधानसभा चुनावों पर है. हालांकि, उससे पहले राज्य कांग्रेस में गुटबाजी और अंदरूनी कलह की खबरें भी सामने आती रही हैं. सिरसा से पार्टी की सांसद कुमारी शैलजा राज्य के शहरी इलाकों में कांग्रेस को मजबूत करने के उद्देश्य से जुलाई के अंत तक पदयात्रा शुरू करेंगी.

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

Haryana Vidhan Sabha Chunav: देश में लोकसभा चुनाव के बाद अब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में हरियाणा में भी चुनाव होने वाले हैं. सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. राज्य में पहले से ही राजनीतिक रैलियां और यात्राएं चल रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा ने दो अलग-अलग यात्रा करने का ऐलान किया है. जिसके बाद पार्टी में फूट और कलह की खबरें सामने आने लगीं हैं. 

कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 7 जुलाई और 11 जुलाई को पदयात्रा की घोषणा की है. पदयात्रा की घोषणा करते हुए शैलजा ने कहा कि वह राज्य के शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगी. कुमारी शैलजा ने कहा, 'सत्तारूढ़ भाजपा ने 44 शहरी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पर बढ़त हासिल की है. शहरी हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है. इस यात्रा की योजना बनाई जा रही है. पदयात्रा का मकसद भाजपा के जनविरोधी फैसलों को उजागर करना है. यात्रा का रूट और तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी.'

हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा की घोषणा

शैलजा की घोषणा के चार दिन बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया ने संयुक्त रूप से 11 जुलाई को चंडीगढ़ में 'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा की घोषणा की. दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में इस यात्रा को उदय भान ने 15 जुलाई को हरी झंडी दिखाई थी. 'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा पहले चरण में करीब एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. चुनाव के करीब इस यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के शामिल होने की उम्मीद है. इस यात्रा का मकसद महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ भाजपा को घेरना है.

शैलजा की पदयात्रा को पार्टी का समर्थन नहीं

भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदयभान भी दीपेंद्र हुड्डा की यात्रा समाप्त होने के तुरंत बाद 20 अगस्त से रथयात्रा निकालेंगे. हालांकि शैलजा की पदयात्रा को अभी तक किसी पार्टी का समर्थन नहीं मिला है, लेकिन दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में होने वाली यात्राएं मुख्य अभियान होंगी, जिसे विधानसभा चुनाव के करीब वरिष्ठ पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी द्वारा शुरू किया जाएगा.

कांग्रेस की गुटबाजी में भारी कौन?

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में भाजपा सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए यात्रा की योजना बनाई थी, लेकिन उसने खुद को ही बेनकाब कर दिया. कांग्रेस आलाकमान के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कि राज्य के नेताओं को एकजुट मोर्चा पेश करना चाहिए, हरियाणा कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी गुट खुद को मुखर करने के लिए दो यात्राएं कर रहे हैं.

दीपेंद्र हुड्डा की 'यात्रा' के पीछे क्या है रणनीति?

कुमारी शैलजा की पदयात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस में समानांतर सत्ता केंद्र बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. उनके कई समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पसंद कर रहे हैं. हुड्डा खेमे ने पहले ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया है. हुड्डा और उदयभान के साथ ही प्रदेश पार्टी मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया भी साथ नजर आ रहे हैं, जिससे विपक्षी गुट नाराज है. कुमारी शैलजा ने दीपक बाबरिया पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे की ओर झुकाव रखने और अन्य नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.

calender
19 July 2024, 06:45 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो