Farmers Protest: किसान आंदोलन की मार, असहाय बेटे की पुकार, प्लीज बाऊ को जाने दो

Farmers Movement: किसान आंदोलन के दरमियान एक मामला सामने आया है. जिसके मुताबिक एक बेटा अपने पिता के इलाज के लिए किसानों से गुजारिश कर रहा है, मगर उसकी बात कोई नहीं सुन रहा. खबर को पूरा पढ़ें.

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Farmers Movement: किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान रविवार को पंजाब के अंदर आने जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया था. इस दौरान एक मजबूर और असहाय युवक की पुकार सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. जिसमें देखा जा सकता है कि एक युवक मरीज को दिल्ली एम्स ले जाना चाहता था लेकिन ट्रेफिक की वजह से वो नहीं ले जा पाया.

बता दें कि बीते 10 मार्च को कुल 52 स्थानों पर दोपहर 12 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक किसानों ने रेल रोको आंदोलन को चलाया था. जिन जगहों पर किसान पटरियों पर आंदोलन कर रहे थे उनमें होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, लुधियाना, तरनतारन, संगरूर, मानसा, मोगा, बठिंडा आदि कई शहरों का नाम शामिल है. वहीं इससे यातायात बहुत प्रभावित हुआ है, प्रदर्शनकारियों ने टोटल 49 ट्रेनों को रोकने की कोशिश की है. जिसको देखते हुए रेल अधिकारियों ने 9 ट्रेनों को रद्द भी कर दिया था.

लाचार बेटे की पुकार

दरअसल किसान आंदोलन के दरमियान देखा गया कि एक यात्री अपने पिता के इलाज के लिए किसानों से गुहार लगा रहा है. लाचार बेटे के हाथ में एक पोस्टर दिखाई दे रहा है. जिसमें लिखा हुआ है कि मेरे बाऊ जी बीमार हैं, उन्हें दिल्ली एम्स में इलाज कराने ले जाना है, प्लीज जाने दो. मिली जानकारी के अनुसार युवक का नाम आशीष है, जो अमृतसर से दिल्ली जा रहा था. इस खबर के फैलने के बाद कई लोग भावुक हो गए साथ ही किसानों के प्रति लोगों में अधिक गुस्सा नजर आया.

किसानों का अत्याचार

किसानों ने अपना प्रदर्शन जालंधर कैंट से लेकर भोगपुर, फिल्लौर रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाली कई ट्रेनों को रोक कर किया था. जिसके कारण यात्रा करने वाले कई यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था. वहीं अमृतसर से जालंधर पहुंचने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के साथ हमसफर एक्सप्रेस के हालात भी कुछ ऐसे ही दिखाई दिए, इन ट्रेनों को भी रोकने और क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई थी. इतना ही नहीं किसान आंदोलन को बढ़ावा देने और सरकार के कार्यों में बाधा डालने के लिए रेलवे ट्रैक पर बैठकर किसान ट्रेन में बैठे यात्री को कष्ट दे रहे थे. First Updated : Monday, 11 March 2024