Haryana Assembly Election Result Analysis: हरियाणा चुनावों के दौरान जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा (DSS) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेल मिल गई. इस कारण सत्तारूढ़ भाजपा को विपक्षी कांग्रेस और अन्य दलों ने आड़े हाथों लिया. वो 20 दिन के लिए बाहर आए और भाजपा के लिए प्रचार भी किया. हालांकि, चुनाव परिणामों से साफ हो गया कि इस पैरोल का फायदा भाजपा को कुछ खास नहीं मिला. बल्कि, इससे कांग्रेस की सीटों में इजाफा हुआ है. आइये जानें डेरा के प्रभाव वाली सीटों में किस पार्टी को कितनी जीत मिली.
बता दें हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं है. वहीं इनेलो को 2 और 3 सीटें अन्य दलों के खाते में गईं है. यानी अब भाजपा लगातार तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है.
डेरा समर्थकों के गढ़ माने जाने वाले 28 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने 15 सीटों पर, भाजपा ने 10 सीटों पर, इनेलो ने 2 और एक निर्दलीय ने जीत हासिल की. इन क्षेत्रों में कांग्रेस को 53.57%, भाजपा को 35.71%, इनेलो को 7% और निर्दलीय को 3.57% वोट मिले. इस वजह से कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने पैरोल के मुद्दे पर खास प्रतिक्रिया नहीं दी.
कांग्रेस ने फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, कैथल, शाहाबाद, थानेसर, पेहोवा, सिरसा, ऐलनाबाद, आदमपुर, और नारनौंद जैसी सीटों पर जीत दर्ज की है.
भाजपा ने हांसी, बरवाला, हिसार, नलवा, असंध, घरौंडा, करनाल, इंद्री, नीलोखेड़ी, लाडवा और पूंडरी सीटों पर जीत हासिल की.
इनेलो ने डबवाली और रानिया पर कब्जा जमाया, जबकि सावित्री जिंदल ने हिसार में जीत दर्ज की
सूत्रों के अनुसार, 3 अक्टूबर को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने सिरसा में अपने अनुयायियों को भाजपा को वोट देने का निर्देश दिया था. सत्संग के दौरान, अनुयायियों से हर बूथ पर कम से कम पांच लोगों को लाने की अपील की गई थी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गुरमीत राम रहीम इस सत्संग की मेजबानी कर रहे थे या नहीं, क्योंकि चुनाव आयोग ने उन पर ऑनलाइन प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा रखा था.
डेरा सच्चा सौदा ने पहले भी विभिन्न राजनीतिक दलों जैसे शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस का समर्थन किया है. 2007 में पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. जबकि, 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उसने भाजपा का समर्थन किया. 2015 में दिल्ली और बिहार के चुनावों में भी डेरा ने भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था.
डेरा सच्चा सौदा का राजनीतिक प्रभाव इसके उच्च जाति के अनुयायियों और कुछ निम्न जातियों के अनुयायियों पर आधारित है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, हरियाणा में उच्च जातियों के वोट आमतौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच बंटे रहते हैं. जबकि, निम्न जातियों के डेरा समर्थक अपने प्रमुख द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हैं.