Haryana Government: हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के पास बहुमत के आंकडे कम है. मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है. जिन तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस लिया है उनमें रणधीर गोलन, धर्मपाल गौंडर और सोमवीर सांगवान शामिल हैं. तीनों विधायकों ने कहा है कि वे सरकार से खुश नहीं हैं और इसलिए अपना समर्थन वापस ले रहे हैं. हालांकि फिर भी नयाब की सरकार को कोई खतरा नहीं हैं.
तीन विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद ये कयास लगाए लजा रहें थे कि सैनी सरकार गिर जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है. आइए आपको सीटों का गणित समझाते हैं. हरियाणा विधानसभा सीटों का गणित कहता है कि 90 विधायकों वाले सदन में फिलहाल 88 विधायक हैं. इनमें से 40 विधायक बीजेपी से, 30 कांग्रेस से, 10 जेजेपी से, एक इनलो से और एक हरियाणा लोकहित पार्टी से हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. ये दोनों नेता लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं. इस तरह देखा जाए तो विधानसभा की दो सीटें खाली हैं. इनमें करनाल विधानसभा सीट पर भी 25 मई को उपचुनाव होने वाले हैं.
एक सत्ताधारी दल के पास कम से कम 45 विधायक होने चाहिए. फिलहाल सैनी सरकार के पास कुल 43 विधायक हैं. इनमें अकेले बीजेपी के 40 विधायक हैं, जबकि हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के विधायक गोपाल कांडा और दो निर्दलीय विधायक भी हैं. सैनी को अपना पद बरकरार रखने के लिए अभी भी दो विधायकों की जरूरत है.हालांकि बीजेपी को ऐसी उम्मीद है कि जेजेपी के बागी विधायक सरकार को अपना समर्थन दे सकते हैं. बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने वालें तीनों विधायकों ने अभी विधानसभा अध्यक्ष को सरकार से समर्थन वापस लेने की जानकारी नहीं दी है. तीनों ने मीडिया के सामने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है.
First Updated : Wednesday, 08 May 2024