अब हरियाणा में एक गांव और गोत्र में शादी पर लगेगी रोक, लीव इन पर भी बैन लगाने के लिए खाप नेताओं ने उठाई अवाज
हरियाणा की कई खाप पंचायतों ने मांग की है कि सरकार को लिव-इन-रिलेशनशिप पर रोक लगानी चाहिए और ऐसे जोड़ों से पैदा होने वाले बच्चे को सहमति नहीं देनी चाहिए, इसके अलावा प्रेम विवाह में माता-पिता की सहमति अनिवार्य होनी चाहिए. खाप प्रमुखों ने विवाह की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने की भी मांग की.
हरियाणा की कई खाप पंचायतों ने मांग की है कि सरकार को लिव-इन-रिलेशनशिप पर रोक लगानी चाहिए और ऐसे जोड़ों से पैदा होने वाले बच्चे को सहमति नहीं देनी चाहिए, इसके अलावा प्रेम विवाह में माता-पिता की सहमति अनिवार्य होनी चाहिए. खाप प्रमुखों ने विवाह की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने की भी मांग की.
खापों ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 में संशोधन की मांग की, ताकि राज्य में एक ही गांव, एक ही गोत्र में विवाह पर प्रतिबंध लगाया जा सके तथा लिव-इन-रिलेशनशिप को अवैध बनाया जा सके.
लिव-इन संबंधों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग
खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग की, ताकि एक ही गांव या गोत्र या पड़ोसी गांवों के जोड़ों के विवाह पर प्रतिबंध लगाया जा सके. मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में खापों ने प्रेम विवाह के पंजीकरण के लिए माता-पिता की सहमति, महिलाओं की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष बनाए रखने और लिव-इन संबंधों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है.
खाप नेताओं ने की बैठक
पिछले हफ़्ते रोहतक, झज्जर और सोनीपत के खाप नेताओं ने एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने एक ही गांव, एक ही गोत्र में शादी पर रोक लगाने, लिव-इन संस्कृति पर प्रतिबंध लगाने, शादी की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने और प्रेम विवाह में माता-पिता की सहमति अनिवार्य करने का फ़ैसला किया था. खाप नेताओं ने घोषणा की कि अगर सरकार इन मुद्दों पर कोई कानून नहीं बनाती है, तो वे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
एक ही गांव में विवाह की अनुमति नहीं
अठगामा खाप के अध्यक्ष धर्मबीर पहलवान ने कहा, "हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में एक ही गोत्र और एक ही गांव में विवाह की अनुमति नहीं है और युवा लड़के और लड़कियां सामाजिक ताने-बाने के खिलाफ जाकर विवाद पैदा कर रहे हैं और कई मामलों में इससे हिंसा भी हुई है."