Sugarcane Price: हरियाणा के किसानों के लिए दीवाली पर 'डबल धमाका', सरकार दे रही बड़ा तोहफा!
Sugarcane Price: अब हरियाणा देश में सबसे अधिक गन्ना मूल्य देने वाला राज्य बन गया है. इसके साथ ही पंजाब अब दूसरे स्थान पर आ गया है, जो अपने राज्य के किसानों को 380 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दे रहा है.
Sugarcane Price: हरियाणा सरकार ने दिवाली से पहले गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. दो साल की कीमत एक साथ घोषित की गई है. जहां किसानों को एक साल तक कीमत बढ़ाने के लिए आंदोलन तक करना पड़ता है. नवंबर से शुरू होने वाले मौजूदा गन्ना पेराई सीजन के लिए कीमत 386 रुपये प्रति क्विंटल होगी.
यहां के किसान लंबे समय से गन्ने का दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे थे. जो अब पूरा हो चुकी है. वर्तमान में चालू सीजन के लिए अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 372 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 386 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है. जो पूरे 14 रुपये की बढ़ोतरी है.
गन्ने का सबसे ज़्यादा मूल्य देने वाला राज्य बना हरियाणा
हरियाणा अब देश में सबसे अधिक गन्ना मूल्य देने वाला राज्य बन गया है. हरियाणा ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है. आपको बता दें कि पंजाब अपने किसानों को 380 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दे रहा है. हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने 30 अक्टूबर को चंडीगढ़ में गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक के बाद ऐलान किया था कि 'इस साल भी सरकार गन्ने के दाम में बढ़ोतरी करेगी. उनके इस बयान के ठीक एक हफ्ते बाद कीमत में बढ़ोतरी की गई है. नवंबर में ही नया गन्ना पेराई सत्र शुरू हो रहा है.
कीमतें बढ़ने पर सीएम ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'अगले वर्ष जिस दिन गन्ने का रेट घोषित होगा, उस दिन आचार संहिता लागू रहेगी. इसलिए विभाग से परामर्श के बाद अगले वर्ष के लिए गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाता है. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गन्ना किसानों को उनकी मेहनत और लगन का उचित दाम मिले. गन्ना मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि कर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
मनोहर लाल ने कहा कि 'प्रदेश के किसान भाई बड़ी मेहनत से खेती करते हैं और अपनी उपज बाजार में बेचकर हरियाणा की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं. राज्य सरकार भी सदैव किसानों के हित में निर्णय ले रही है और हम उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं.' इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, हरियाणा एकमात्र राज्य है जहां 14 फसलें एमएसपी पर खरीदी जाती हैं. उन्होंने कहा कि 'सरकार के इस कदम से गन्ना किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने और हरियाणा के कृषि क्षेत्र की समृद्धि में योगदान की उम्मीद है.'
सिर्फ 2 फीसदी हिस्सेदारी
देश के कुल गन्ना उत्पादन में हरियाणा की हिस्सेदारी मात्र 2 प्रतिशत है. राज्य में कुल 16 चीनी मिलें हैं, जिनमें से 11 सहकारी क्षेत्र की हैं. सहकारी मिलों में चीनी रिकवरी मात्र 9.75 प्रतिशत है. जबकि 2020-21 के दौरान हरियाणा की निजी मिलों में चीनी की रिकवरी 10.24 फीसदी रही. इस साल सरकार ने 10 फीसदी रिकवरी रेट के साथ राज्य में 424 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा है.