Satyapal Malik On Haryana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार ने जहां पार्टी को झकझोर कर रख दिया है. वहीं चुनाव विश्लेषक भी जनता का मूड समझने में अपनी चूक पर मंथन कर रहे हैं. इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हरियाणा चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर अपनी स्पष्ट राय साझा की. एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने ईवीएम, जाट, किसान, कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत पर अपनी बेबाक टिप्पणी दी.
बता दें यहां हरियाणा में बीजेपी में 48 और कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि, 2 निर्दलीय विधायकों ने भी BJP का दामन थाम लिया है. इससे उनकी संख्या 50 हो गई है. इसपर सत्यपाल मलिक का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में नतीजे अपेक्षाओं के अनुसार ही आए, लेकिन हरियाणा में परिणाम उम्मीदों के विपरीत रहे.
कांग्रेस ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जता रही है. मलिक का मानना है कि कांग्रेस की हार के पीछे उसकी खुद की खामियां हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एकता की कमी थी और पार्टी के कार्यकर्ता उतनी मेहनत नहीं कर रहे थे, जितनी भाजपा के लोग. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अनुषांगिक संगठनों का भी समर्थन है, जिससे उसकी ताकत बढ़ जाती है.
मलिक ने किसी एक व्यक्ति को कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया. उन्होंने साफ कहा कि न तो राहुल गांधी और न ही भूपिंदर सिंह हुड्डा को दोषी ठहराया जा सकता है. उनके अनुसार, कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा कमजोर था, और चुनाव के दौरान पार्टी बंटी हुई नजर आई.
हरियाणा में किसान आंदोलन के बावजूद भाजपा की जीत को सत्यपाल मलिक ने समझ से परे बताया. उन्होंने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के चुनाव में उतरने को भी गलत कदम माना और कहा कि यूनियन के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि लोग उन्हें वोट नहीं देते.
मलिक ने हरियाणा चुनाव में जाट और गैर-जाट के मुद्दे को नकारा. उनके अनुसार, दलित नेता कुमारी शैलजा के कारण कांग्रेस को दलित वोट नहीं मिल सका, जबकि भाजपा को पिछड़ा वर्ग के वोट मिले. उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव में जाट बनाम गैर-जाट जैसा कोई बड़ा मुद्दा सामने नहीं आया.
सत्यपाल मलिक के अनुसार, कांग्रेस की हार के पीछे मुख्य कारण पार्टी का आलस्य और मेहनत की कमी है. इसके अलावा, पार्टी के आंतरिक झगड़े और एकजुटता की कमी ने भी चुनावी परिणामों को प्रभावित किया. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के अनुषांगिक संगठनों और 24 घंटे राजनीति करने की क्षमता ने उसे मजबूत बनाया है.
मलिक का मानना है कि हरियाणा चुनाव के नतीजों से भाजपा को आने वाले चुनावों में लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी मेहनत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.