AAP ने मांगी रैली की परमिशन तो चुनाव आयोग ने आपत्तिजनक जवाब देकर किया मना, जांच में जुटी पुलिस
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी उस वक्त चुनाव आयोग पर भड़के गए जब उन्हें रैली की अनुमति मांगने पर चुनाव आयोग से आपत्तिजनक जवाब मिला. क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं.
आम आदमी पार्टी ने अपने ऑफिशियली सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट में पूछा गया है कि क्या चुनाव आयोग ने अपने दफ्तरों में भाजपा ट्रोल्स भर्ती कर लिए हैं. दरअसल, पार्टी का गुस्सा उस वक्त फुटा जब हरियाणा से पार्टी के एक प्रत्याशी ने चुनावी कार्यक्रम के लिए चुनाव आयोग ले रैली करने की अनुमति मांगी और जवाब में आयोग ने बेहद आपत्तिजनक बात कहते हुए रैली करने से मना कर दिया.
दरअसल, हरियाणा से आम आदमी पार्टी के एक प्रत्याशी ने चुनावी कार्यक्रम के लिए चुनाव आयोग से रैली करने की अनुमति मांगी. अनुमति मांगने पर उन्हें चुनाव आयोग से आपत्ति जनक जवाब मिला और कार्यक्रम की इजाजत देने से मना कर दिया.
हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि उनकी वेबसाइट हैक हो गई थी टीम की ओर से उन्हें आपत्तिजनक जवाब नहीं दिया गया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा के कैथल में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट-सह-सहायक रिटर्निंग अधिकारी ब्रह्म प्रकाश ने पांच कंप्यूटर ऑपरेटरों को निलंबित करने का आदेश दिया और पुलिस को गहन जांच करने का निर्देश दिया है.
रैली की परमीशन मांगने पर AAP के मिला आपत्तिजनक जवाब
आम आदमी पार्टी हरियाणा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने अपने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि हम पूछना चाहते हैं कि क्या पूरे देश में चुनाव आयोग के दफ्तर भाजपा के लोग चला रहे हैं? कुरुक्षेत्र, हरियाणा में डॉ. सुशील कुमार गुप्ता के चुनाव रैली की परमिशन मांगने पर चुनाव आयोग के दफ्तर से गाली लिखकर रिजेक्ट करता है. उन्होंने आगे लिखा अतिथि को नोटिस 30 मिनट बाद मिलता है लेकिन बीजेपी पहले ही खबर चला देते हैं.
AAP ने चुनाव आयोग से पुछा सवाल
आम आदमी पार्टी हरियाणा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने चुनाव आयोग से इस मामले में प्रश्न किया. उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने अपने दफ्तर में BJP ट्रोल्स भर्ती कर लिये हैं?. जब AAP उम्मीदवार ने कार्यक्रम के लिए इलेक्शन कमीशन से परमिशन मांगी तो चुनाव आयोग से AAP उम्मीदवार को लिखित में भद्दी गाली देते हुए, कार्यक्रम की इजाज़त देने से मना कर दिया. इलेक्शन कमीशन साफ़-साफ़ देश को बता दे कि उनकी जिम्मेदारी देश के सभी दलों के प्रति नहीं है, वो सिर्फ़ BJP की एक पोलिटिकल विंग बनकर रह गई है.
पुलिस कर रही मामले की जांच
चुनाव आयोग के दफ्तर से आप प्रत्याशी को किए गए आपत्तिजनक मैसेज के मामले में ARO ब्रह्म प्रकाश ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद तुरंत प्रभाव से जिम्मेदार 5 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने इस मामले की जांच पड़ताल करने के लिए पुलिस को भी आदेश दे दिया है. बता दें कि, लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का पालन करते हुए सभी राजनीतिक दलों को रैली या सभा का आयोजन करने से पहले जिला प्रशासन से ऑनलाइन के माध्यम से अनुमति लेनी होती है. इसके लिए चुनाव आयोग ने ECore नाम की एक वेबसाइट लॉन्च की है.