Hathras Stampede: नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा, जिनके सत्संग में मंगलवार को हाथरस जिले में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व कर्मचारी सूरज पाल हैं, जिन्होंने 18 वर्षों तक स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) के साथ काम किया और 1990 में, जब वे एटा में तैनात थे, आध्यात्मिकता के लिए सेवानिवृत्ति ले ली थी.
अपनी खास तरह की शान-शौकत के लिए मशहूर एटा-कासगंज, ब्रज क्षेत्र और कुछ अन्य इलाकों में निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों के बीच उनके काफी समर्थक हैं. हमेशा साफ-सुथरे दाढ़ी वाले और पूरी तरह सफेद पोशाक के लिए जाने जाने वाले वह अपने सत्संगों में सिंहासन जैसी ऊंची कुर्सी पर बैठते हैं, कभी-कभी उनकी पत्नी भी ऐसी ही कुर्सी पर बैठती हैं.
दरअसल बाबा का सियासी कनेक्शन भी सामने आया है. इनके दरबार में यूपी के पूर्व सीएम अकिलेश यादव भी जा चुके हैं. पिछले साल जनवरी में भी अखिलेश बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे. इस दौरान इन्होंने बाबा की महिमा का गुणगान भी एक पोस्ट शेयर किया था. बाबा पहले कई मामलों में आरोपी भी रह चुके हैं. तो आइए जानते हैं इनके काले कारनामे.
हाथरस दुघर्टना के आरोपी भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल उर्फ नारायण हरि है. यह एटा का रहने वाला है. बाबा ने खुद की एक आर्मी बना रखी है. इसके खिलाफ यौन शोषण के साथ पांच मामले दर्ज है. इतना ही नहीं 28 साल पहले बाबा उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था. लेकिन केस लगने के बाद इसे पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया था.
यहीं से शुरू हुई एक आम शख्स से बाबा बनने की कहानी. सूरजपाल जेल से छूटने के बाद वह अपना नाम और पहचान बदलकर बाबा बन गया था. जिसके बाद अब लोग इसे प्रभु एवं परमात्मा भी कहते हैं. First Updated : Wednesday, 03 July 2024