Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को लगातार सुप्रीम कोर्ट से झटके पर झटके मिल रहे हैं. सोमवार को चुनावी बॉन्ड मामले पर सुनवाई के दौरान एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, उसने एसबीआई से सभी जानकारी का खुलासा करने को कहा था और इसमें चुनावी बांड नंबर भी शामिल थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कोर्ट ने आगे कहा कि एसबीआई को जानकारी का खुलासा करने में सलेक्टिव नहीं होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह चाहता है कि चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए जो एसबीआई के पास है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि वह एसबीआई से चुनावी बॉन्ड नंबरों का खुलासा करने के लिए कहेगा और साथ ही एक हलफनामा दायर कर यह भी बताएगा कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है. सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दाखिल करने के लिए बैंक को 21 मार्च तक का समय दिया है.
एसबीआई का कहना है कि वह अपने पास मौजूद हर जानकारी देगा और बैंक अपने पास मौजूद किसी भी जानकारी को छिपाकर नहीं रखेगा. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के पास सभी तरह की जानकारी हैं और हम वो डाटा आपको दे सकते हैं. उस वक़्त हमने शायद ग़लत समझ लिया था कि चुनावी बॉन्ड के नंबर शेयर नहीं करने हैं. वकील के इस बयान के बाद अदालत ने कहा कि हमने आपको कहा था कि जो भी जानकारी आपके यानी बैंक के पास है वो सभी आपको शेयर करनी होगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फ़रवरी को अपने आदेश में इलेक्टोरन बॉन्ड को ग़ैरक़ानूनी करार दिया था. साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा गया था कि वो 2 हफ़्तों में अब तक ख़रीदे गए चुनावी बॉन्ड की सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया था. हालाँकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने डेडलाइन ख़त्म होने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी लगाकर 3 महीनों का समय माँगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फिर से बैंक को फटकारा और कहा कि तुरंत जानकारी दें, बैंक अब तक क्या कर रहा था?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई अगले दिन चुनाव आयोग को सारा डाटा सौंप दिया. जिसके बाद चुनाव आयोग ने डाटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया. डाटा सार्वजनिक होने के बाद कई ऐसा खुलासे हो रहे हैं जो हैरान कर देने वाले हैं. First Updated : Monday, 18 March 2024