Weather Update: गर्मी ने एक बार फिर तोड़ा रिकॉर्ड, 123 साल बाद जून रहा सबसे गर्म, अब जुलाई में नई आफत

Weather Update: मौसम विभाग के अनुसार जून महीने में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज किया गया है. जून में औसत तापमान सामान्य से 1.96 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है जो साल 1901 के बाद से सबसे अधिक है. इस बीच जुलाई में भी एक नई आफत आने वाली है. मौसम विभाग के मुताबिक इस महीने में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है.

JBT Desk
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Weather Update: देशभर में मानसून के दस्तक देने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. हालांकि, दिल्ली में अभी भी उमस वाली गर्मी लोगों को परेशान कर रही है. वहीं जून महीने में पड़ी भीषण गर्मी ने कई लोगों की जान भी ले ली. भारत में इस गर्मी में 536 लू वाले दिन दर्ज किए गए हैं जो साल 1901 के बाद से सबसे गर्म रहा है. वहीं जून की बात करें तो इस महीने में 181 दिन लू दर्ज की गई है जो 2010 के बाद सबसे अधिक है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि भारत में इस गर्मी में 536 दिनों तक लू चली, जो 14 सालों में सबसे अधिक है, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में 1901 के बाद से पिछला महीना जून में सबसे गर्म दर्ज किया गया. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में जून 2010 के बाद सबसे ज्यादा हीटवेव के दिन दर्ज किए गए.

गर्मी ने तोड़ा 123 सालों का रिकॉर्ड

महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, "2024 की गर्मियों में, भारत ने कुल 536 हीटवेव दिनों का अनुभव किया, जो 2010 (578 दिन) के बाद सबसे अधिक है. जून में, 181 हीटवेव दिनों का अनुभव हुआ, जो 2010 (177 दिन) को पार कर गया. महापात्र ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में मासिक औसत अधिकतम तापमान 38.02 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.96 डिग्री सेल्सियस अधिक है. औसत न्यूनतम तापमान 25.44 डिग्री सेल्सियस रहा. उत्तर पश्चिम भारत में जून में औसत तापमान 31.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.65 डिग्री सेल्सियस अधिक और 1901 के बाद से सबसे अधिक है. पूर्वोत्तर भारत में जून में 33 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई, जिसके लिए महापात्र ने मौसम प्रणालियों की कमी के कारण देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में मानसून की धीमी गति को जिम्मेदार ठहराया.

उत्तर-पश्चिम भारत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी

महापात्र ने कहा कि उत्तर भारत में चार से पांच की तुलना में केवल तीन (5-10 जून, 19-25 जून और 26-28 जून) पश्चिमी विक्षोभ देखे गए. भारत में सबसे गर्म और सबसे लंबी हीटवेव में से एक में 40,000 से अधिक संदिग्ध हीट स्ट्रोक के मामले और 100 से अधिक गर्मी से संबंधित मौतें दर्ज की गयी. भीषण गर्मी ने जल आपूर्ति प्रणाली और बिजली ग्रिडों को प्रभावित किया, जिससे दिल्ली गंभीर जल संकट से जूझ रही है. आईएमडी के अनुसार, अप्रैल-जून की अवधि के दौरान देश के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से में लू वाले दिनों की संख्या सामान्य से दोगुनी दर्ज की गई.

इन राज्यों में हीट वेव का कहर

राजस्थान के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया. कई स्थानों पर रात का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली में, जहां 13 मई के बाद से लगातार 40 दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा, इस साल गर्मी से संबंधित लगभग 60 मौतें हुई हैं. आईएमडी ने पहले गर्मी के मौसम में 10 से 20 दिन लू चलने की भविष्यवाणी की थी, जबकि सामान्य तौर पर यह चार से आठ दिन होती है. इसके विपरीत, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार सहित पूर्व, उत्तर और मध्य भारत के विभिन्न हिस्सों में 20 से 38 हीटवेव वाले दिन दर्ज किए गए.

जुलाई में बारिश मचाएगी आफत

मौसम विज्ञान के मुताबिक जून में गर्मी ने आफत मचाया है तो वहीं जुलाई में बारिश का कहर देखने को मिलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है. भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है जिससे बाढ़ जैसी समस्या देखने को मिल सकती है. इसके अलावा आईएमडी ने पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों तथा पश्चिमी हिमालय इलाकों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है.

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02 July 2024, 06:40 AM IST

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