Explainer : हेमंत सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद नए CM को शपथ का इंतजार... अब झारखंड में अब क्या होगा?
झारखंड विधानसभा में अभी झामुमो गठबंधन की सरकार के पास बहुमत है. 81 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत है. गठबंधन के पास 49 विधायकों का बहुमत है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 29, कांग्रेस के पास 16, एनसीपी, आरजेडी और वाम दलों के पास 1-1 विधायक हैं.
झारखंड में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल ईडी हेमंत से पूछताछ कर रही है. वहीं चंपई सोरेन झारखंड में विधायक दल का नेता चुन लिया गया है, लेकिन अभी उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ली. हेमंत सोरेन को आज कोर्ट में पेश किया गया, उनकी रिमांड को लेकर फैसला कल आएगा, हालांकि अभी हेमंत सोरेन कल तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे. बता दें कि कथित जमीन घोटाले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है. झारखंड में इस सियासी ड्रामे के बाद स्थिर सरकार को लेकर संकट खड़ा हो गया है. हेमंत सोरेन का इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंजूर कर लिया है, लेकिन नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अब तक पद की शपथ नहीं ली है.
पूछताछ, इस्तीफा और गिरफ्तारी कब क्या हुआ
पूछताछः बुधवार दोपहर सवा एक बजे ईडी की टीम रांची में सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची. यहां पर उनसे 8 घंटे तक पूछताछ चली.
गिरफ्तारीः राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद हेमंत सोरेन अपने आवास पर पहुंचे. यहां 9 बजकर 33 मिनट पर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इस्तीफे के बाद भी कार्यवाहक सीएम रहेंगे हेमंत
हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इसके बाद भी वह कार्यवाहक सीएम हैं. संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद जब तक नए मुख्यमंत्री शपथ नहीं लेते, तब तक वही कार्यवाहक सीएम रहते हैं. उन्होंने बताया कि संविधान के मुताबिक ये पद खाली नहीं रहना चाहिए. ये गवर्नर का फैसला होता है. जब तक इस पद पर कोई दूसरा सीएम नहीं आता, तब तक जो सीएम इस्तीफा देते हैं, वो कार्यवाहक सीएम रहेंगे.
प्रदेश विधानसभा में क्या है गणित?
झारखंड विधानसभा में अभी झामुमो गठबंधन की सरकार के पास बहुमत है. 81 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत है. गठबंधन के पास 49 विधायकों का बहुमत है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 29, कांग्रेस के पास 16, एनसीपी, आरजेडी और वाम दलों के पास 1-1 विधायक हैं.
क्या झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगेगा?
झारखंड मुक्ति मोर्चा नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की शपथ करवाने की जिद है. हालांकि, राज्यपाल ने इसकी अनुमति नहीं दी. ऐसे में नया संवैधानिक संकट भी खड़ा होता नजर आ रहा है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हाल ही में कहा था कि संविधान के रक्षक के रूप में मैं पूरी स्थिति पर नजर रख रखा हूं. ये राज्यपाल का काम है, मैं वही कर रहा हूं.
मामले में आगे क्या होगा?
हाईकोर्ट में सुनवाईः गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है. इस याचिका पर हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई करेगी.
- अदालत में सोरेन की पेशीः गिरफ्तार किए जाने के बाद हेमंत सोरेन रातभर ईडी दफ्तर में ही रहेंगे. उन्हें गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. बताया जा रहा है कि ईडी हेमंत सोरेन की 14 दिन की कस्टडी मांग सकती है.
किस मामले में हुई है गिरफ्तारी
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी कथित जमीन घोटाले में हुई है. ये पूरा मामला फर्जी कागजातों और दस्तावेजों के जरिए जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है. यह मामला जून 2022 में सामने आया था. तब बरायतु पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. आरोप था कि प्रदीप बागची नाम के शख्स ने फर्जी कागजातों के जरिए भारतीय सेना की एक संपत्ति को हड़प लिया है. ईडी ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि 4.5 एकड़ की ये जमीन बीएम लक्ष्मण राव की थी, जिन्होंने आजादी के बाद इसे सेना को सौंप दिया था. अप्रैल 2023 में ईडी ने प्रदीप बागची समेत सात आरोपियों को मामले में गिरफ्तार किया. जिन सात को गिरफ्तार किया गया, उनमें से दो- अफसर अली और भानु प्रताप सरकारी कर्मचारी थे.