Delhi High Court: धोखाधड़ी, गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने और UPSC में कोटा का लाभ लेने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर को बड़ी राहत दी है. आज अदालत ने अग्रिम जमानत की उनकी मांग वाली याचिका पर सुनवाई. इस दौरान कोर्ट ने कहा की तत्काल गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है. मामले की अगली सुनवाई तक उनको गिरफ्तार न किया जाए. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय की है. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस और UPSC से मामले में जवाब मांगा है.
पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मांगी थी. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की की पीठ ने की है. सुनवाई में खेडकर की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और नरेश कौशिक UPSC की ओर से पेश हुए. दोनों पक्षों के सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख देते हुए आदेश जारी कर दिया.
सुनवाई के दौरान यूपीएससी का प्रतिनिधित्व कर रहे नरेश कौशिक ने कहा कि आईएएस प्रणाली में खेडकर का प्रवेश उनके चालाकी को उजागर करता है. इस कारण उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना उचित है. वहीं खेडकर के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने इसका विरोध किया.
दोनों पक्षों के सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में दिल्ली पुलिस और यूपीएससी को नोटिस जारी किया है. अदालत ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया है कि मामले के विचाराधीन रहने तक उन्हें गिरफ्तार न किया जाए, क्योंकि तत्काल गिरफ्तारी जरूरी नहीं है.
पूजा खेडकर ने जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त अवसर पाने के लिए अपनी पहचान गलत बताई. अब मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी तबतक पूजा खेडकर गिरफ्तारी से बची रहेंगी.