महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 30 साल का टूटा रिकॉर्ड, क्या नीचे से सरकने वाली है कुर्सी?
Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसबार जमकर वोटिंग हुई है, जिसने पिछले 30 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. ऐसे में लोग अब चुनाव परिणाम पर नजर गड़ाए हुए हैं, क्योंकि जब भी प्रदेश में वोट प्रतिशत बढ़ा है, सत्ता का परिवर्तन हो गया.
Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार 30 साल का रिकॉर्ड टूट गया. इस बार के चुनाव में मतदाताओं ने जमकर मतदान किए, जिसके बाद वोट प्रतिशत 65.1 तक पहुंच गया. इस बढ़ी हुई वोटिंग के पीछे की वजह महायुति और महाविकास अघाड़ी (MVA) का धुआंधार प्रचार बताई जा रही है. इसके साथ ही राज्य की 100 विधानसभा सीटों पर करीबी का मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है. अब यह सवाल उठ रहा है कि बढ़ी हुई वोटिंग का फायदा किसे मिलेगा- महायुति या फिर महाविकास अघाड़ी?
विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी मतदान प्रतिशत बढ़ता है, तब सत्ता परिवर्तन का रुझान दिखाई देता है. उदाहरण के तौर पर, 1995 में जब महाराष्ट्र में रिकॉर्ड 71.69 प्रतिशत मतदान हुआ था, तब राज्य में पहली बार गैर-कांग्रेसी शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी थी. इसी तरह 2014 में भी वोटिंग में वृद्धि के बाद सत्ता बदली और बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.
बढ़े मतदान का असर
इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का जो उत्साह देखा गया, उसका सीधा असर मतदान प्रतिशत में पड़ा. 2019 में 8.85 करोड़ वोटर्स थे, जो अब बढ़कर 9.69 करोड़ हो गए हैं. महायुति और एमवीए दोनों ही दलों ने अपने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी. महायुति के 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारे और एमवीए की भावनात्मक अपील ने वोटरों को घर से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया.
महाराष्ट्र में कम वोटिंग पर नहीं बदली सत्ता
साल 2009 में जब वोटिंग प्रतिशत घटा था, तब भी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता में लौट आया था. वहीं, 2019 में वोटिंग प्रतिशत कम होने के बावजूद भी बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार बढ़ी वोटिंग का फायदा किसे मिलता है.
राज्य की सियासी जंग में दो प्रमुख दावे
बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि जब भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है, तो बीजेपी और महायुति को इसका फायदा होता है. वहीं, कांग्रेस नेता नाना पटोले का दावा है कि महाविकास अघाड़ी चुनाव जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है और राज्य में उनकी सरकार बनना तय है.
अलग-अलग क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्रों से ज्यादा मतदान हुआ. पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में सबसे अधिक 76.25 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में सबसे कम 44.49 प्रतिशत मतदान हुआ.
एग्जिट पोल में महायुति की सरकार
अब, 23 नवंबर को यह साफ हो जाएगा कि बढ़े हुए मतदान का फायदा किसे मिलता है. एग्जिट पोल के मुताबिक, महायुति को बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन चुनावी परिणाम से पहले कुछ भी कहना मुश्किल है.