Shankaracharya Avimukteshwaranand: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाला बयान इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. आरएसएस ने भी इस पर अपनी सहमति जताई है. इस बीच, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वानंद सरस्वती ने इस पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. उन्होंने देश में एकता की आवश्यकता को बताते हुए पूछा कि इस एकता के लिए क्या फॉर्मूला है.
शंकराचार्य ने कहा कि 'बंटेंगे तो कटेंगे' में भविष्य की संभावना की बात की गई है. उनका मतलब था कि अभी हम बंटे नहीं हैं, लेकिन यह खतरा है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि हम बंटने के किन कारणों से प्रभावित हो सकते हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वानंद ने सीएम योगी और बीजेपी से सवाल किया कि अगर वे एकता लाना चाहते हैं, तो उनका फॉर्मूला क्या है? उन्होंने सुझाव दिया कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए और गोहत्या को अपराध माना जाए. उन्होंने कहा, "जब पूरे देश को यह समझ में आएगा कि गाय माता है, तो लोग खुद को भाई-भाई मानेंगे."
सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा था, "राष्ट्र तब मजबूत होगा जब हम एक रहेंगे. बंटेंगे तो कटेंगे" उनका यह बयान सियासी बवाल का कारण बन गया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि पीडीए (प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन) न तो बंटेगा और न कटेगा, और जो ऐसी बातें करेगा, उसे बाद में भुगतना पड़ेगा. First Updated : Wednesday, 30 October 2024