दरअसल पाकिस्तान की सरकार अपने ही देश यानी की पूर्वी पाकिस्तान पर सितम ढा रही थी. पाकिस्तान की सरकार पूर्वी पाकिस्तान के बेगुनाह लोगों पर जुल्म कर रही थी और उनकी निर्मम हत्या कर रही थी.
इस जुल्म के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान अपनी आवाज उठाना शुरू किए. लेकिन इन बेगुनाहों की आवाज को दबाने के लिए पाकिस्तान ने नरसंहार शुरु कर दिया.
जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान के लोग वहां से अपनी जान बचाकर भारत की ओर भागने लगे. उस समय लगभग 10 लाख लोगों ने भारत में शरण ली थी उस दौरान भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी.
पाकिस्तान उस समय चीन और अमेरिका के दम पर लगातार भारत को चुनौती दे रहा था. 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हमला कर दिया.
इस हमले का करारा जवाब देने के लिए इंदिरा गांधी ने आधी रात को संबोधित करते हुए ,युद्ध की घोषना की थी.
जिसके बाद भारतीय नौसेना ने 5 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना मुख्यालय को तबाह कर दिया.इस युद्ध में करीब 3 हजार 900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.
उस दौरान इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को एक अलग राष्ट्र घोषित कर दिया और पूर्वी पाकिस्तान से अलग करने का फैसला लिया. जिसके बाद बांग्ला देश का निर्माण हुआ और पाकिस्तान के चंगुल से हमेशा के लिए पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया.
उस दौरान इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को एक अलग राष्ट्र घोषित कर दिया और पूर्वी पाकिस्तान से अलग करने का फैसला लिया. जिसके बाद बांग्ला देश का निर्माण हुआ और पाकिस्तान के चंगुल से हमेशा के लिए पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया.