Rajya Sabha Election 2024 : इतिहास में भी कई बार क्रॉस वोटिंग की घटनाएं हुईं हैं. ऐसी ही एक मामला 1998 के राज्यसभा चुनाव से जुडा हुआ है. 1998 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार अपनी ही पार्टी के विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से हार गया था. माना जाता है कि इसी घटना की वजह से शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी. कांग्रेस के विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से पार्टी के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद कांग्रेस के एक वर्ग ने इस हार का कारण शरद पवार को ठहराया था.
1998 में महाराष्ट्र राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने नजमा हेपतुल्ला और राम प्रधान को उम्मीदवार बनाया था, विधानसभा में संख्याबल के आधार पर पार्टी ये दोनों सीटें आसानी से जीत सकती थी. वहीं, बीजेपी ने प्रमोद महाजन जबकि शिवसेना ने सतीश प्रधान और प्रीतीश नंदी को उम्मीदवार बनाया था.
इसके अलावा दो निर्जलीय उम्मीदवार सुरेश कलमाड़ी और विजय दर्डा भी मैदान में थे. चुनाव में कांग्रेस को राम प्रधान की हार हुई, जबकि कलमाड़ी और दर्डा सहित अन्य जीत गए थे. कांग्रेस के एक वर्ग ने राम प्रधान की हार के लिए शरद पवार को जिम्मेदार ठहराया था, पार्टी के इस वर्ग का कहना था कि पवार राज्यसभा चुनाव में राम प्रधान की उम्मीदवारी के विरोध में थे, इस मामले में पार्टी ने 10 विधायकों और प्रफुल्ला पटेल सहित शरद पवार के सहयोगियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, शरद पवार के करीबी नेताओं को 1999 के विधानसभा चुनाव में टिकट भी नहीं दिए थे.
एक इंटरव्यू के दौरान शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने को लेकर कई खुलासे किए थे, उन्होंने बताया कि कांग्रेस इसीलिए छोड़ी थी क्योंकि 1999 में सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनना चाहती थीं. उन्होंने कहा था कि उस समय मैं या मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे सही उम्मीदवार थे, मैं घर पर था, तब मुझे मीडिया से पता चला कि सोनिया गांधी ने दावा पेश कर दिया है और यही कारण था जिसकी वजह से मैंने कांग्रेस को छोड़ दिया था. First Updated : Wednesday, 28 February 2024