Citizenship Amendment Act: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह-जगह चर्चाएं हो रही है. आम जनता से लेकर राजनीतिक पार्टियां भी सीएए पर प्रतिक्रिया दे रही हैं. विपक्षी दलों ने इस कानून का विरोध किया है. वहीं भारत के मुसलमान भी सीएए के विरोध में नजर आ रहे हैं, उन्हें डर है कि उनकी नागरिकता ना चली जाए. इस बीच मंगलवार 12 मार्च को गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि CAA से किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाने वाली है. किसी भी मुस्लिम को डरने की जरूरत नहीं.
गृह मंत्रालय ने मुस्लिम समाज में फैली अनिश्चितताओं के संबंध में कहा कि सीएए से किसी भी भारतीय मुसलमान की नागरिकता नहीं जाएगी. भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि नागरिकता संशोधन अधिनियम उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा. वो हिंदू समाज की तरह ही बराबरी के अधिकारों के हकदार हैं. मंत्रालय ने कहा इस एक्ट के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा.
गृह मंत्रालय ने कहा कि इन तीनों मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की वजह से दुनियाभर में इस्लाम का नाम बुरी तरह खराब हो गया है. इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है, जो कभी भी धार्मिक आधार पर कोई उत्पीड़न, नफरत या हिंसा का प्रचार या सुझाव नहीं देता है. मंत्रालय ने कहा कि भारत का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ प्रवासियों को इन देशों में वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं है. सीएए की धारा 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमानों को भारतीय नागरिकता लेने पर कोई रोक नहीं है. First Updated : Tuesday, 12 March 2024