Home Ministry: गृह मंत्रालय ने आतंकवाद के ऊपर बड़ा शिकंजा कसा है. मिली सूचना अनुसार मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर राज्य के लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट) के लिए सख्त कदम उठाया है. दरअसल यासीन गुट पर बैन लगा दिया गया था जिसको बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है.
वहीं गृह मंत्रालय के मुताबिक इस कदम को उठाने के पीछे की असली वजह जेकेएलएफ-वाई नामक संगठन का हाथ बताया जा रहा है, क्योंकि इनका काम देश में अशांति फैलाना और गलत गतिविधियों को बढ़ावा देना है. जो देश हित के लिए सही नहीं है. इसके बावजूद गृह मंत्रालय ने साल 2019 के 22 मार्च को जेकेएलएफ-वाई को पूरी तरह से अवैध बताया था. साथ ही एक गैरकानूनी पार्टी करार कर दिया था.
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जेकेएलएफ-वाई वर्तमान समय में भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित कर रहा है. इसलिए वह राष्ट्र-विरोधी एवं विध्वंसक गतिविधियों का हिस्सा है. यह आतंकवादी संगठनों से मिलकर काम किया करता है. साथ ही जम्मू-कश्मीर के अलावा विभिन्न स्थानों पर उग्रवाद का समर्थन करता है.
जेकेएलएफ-वाई का काम भारत के अन्य हिस्सों में लोगों को देश के खिलाफ उकसाना और आतंकवादियों का समर्थन करना है. इसको देखते हुए गृह मंत्रालय ने आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति लागू करते हुए जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के 4 संगठनों को बैन कर दिया है. जिसमें जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान),जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (अजीज शेख) का नाम शामिल है. इन सारे संगठनों पर जम्मू-कश्मीर के अंदर आतंक फैलाने का आरोप है. First Updated : Saturday, 16 March 2024