नक्सलियों का खौफनाक हमला: गश्त से लौट रहे जवानों पर आईईडी ब्लास्ट! दो जवानों ने दी बलिदान

नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने गश्त से लौट रहे जवानों पर हमला कर दिया जिसमें दो जवान शहीद हो गए. आईईडी ब्लास्ट में चार जवान घायल हुए हैं, जिन्हें रायपुर भेजा गया है. यह घटना सुरक्षा बलों की बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती है. इससे पहले, जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन चलाया था. जानिए इस हमले के पीछे की कहानी और सुरक्षा बलों की बहादुरी के बारे में.

JBT Desk
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IED blast on soldiers: नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के मोहंदी में नक्सलियों ने गश्त से लौट रहे जवानों पर एक भीषण हमला किया. इस हमले में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के चार जवान घायल हो गए, जिनमें से दो जवान शहीद हो गए. यह घटना उस समय हुई जब जवान वापस लौट रहे थे और वे एक आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आ गए. 

घायलों की पहचान अमर पनवार (36) जो महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और के राजेश (36) जो आंध्र प्रदेश से हैं, के रूप में हुई है. घायल जवानों को प्राथमिक उपचार के लिए रायपुर एयर लिफ्ट किया गया है और उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है. यह हमला तब हुआ जब जवान तिब्बत सीमा सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और जिला रिजर्व पुलिस बल की संयुक्त पार्टी के साथ नक्सली अभियान पर निकले थे. वापसी के दौरान, ग्राम कोडलियर के पास वे बारूदी सुरंग में फंस गए.

हमलों की बढ़ती गंभीरता

इस घटना ने सुरक्षा बलों के प्रति नक्सलियों के हमलों की बढ़ती गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है. इससे पहले, 3 अक्टूबर को थुलथुली नेंदुर क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक सफल ऑपरेशन चलाया था, जिसमें 31 माओवादियों के शव और अन्य सामग्रियां बरामद की गई थीं. इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बल पूरी तरह से सुरक्षित लौटे थे और बाद में 38 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि भी हुई थी.

सुरक्षा बलों का जज्बा जारी

नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में हमारे सुरक्षा बल लगातार जुटे हुए हैं. हालांकि, इस तरह के हमले यह साबित करते हैं कि खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. सुरक्षा बल नक्सलियों के ठिकानों का सफाया करने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं लेकिन ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि नक्सली रणनीति के तहत अपने हमलों को अंजाम देने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. हमले की जांच और नक्सलियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए उच्च स्तर पर आदेश दिए गए हैं. उम्मीद है कि इस तरह के हमले भविष्य में नहीं होंगे और जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा.

हमला बना चुनौती

यह हमला न केवल सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक कड़ी चेतावनी है कि नक्सलवाद अभी भी एक गंभीर समस्या है. इस दुखद घटना के बाद, हमें एकजुट होकर नक्सलवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा और हमारे जवानों के बलिदान को याद करते हुए उनके प्रति सम्मान प्रकट करना होगा. इस घटना ने हमें यह भी याद दिलाया है कि हमारी सुरक्षा बल हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी रक्षा कर रहे हैं. ऐसे बलिदानों को कभी नहीं भुलाया जा सकता. 

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19 October 2024, 07:15 PM IST

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