Explainer : हूती ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित, अब अमेरिका कैसे कसेगा यमन विद्रोहियों पर शिकंजा
अमेरिकी सरकार की ताजा घोषणा के बाद, हूती विद्रोहियों को स्पेशियली डेजिग्नेट ग्लोबल टेरेरिस्ट (SDGT) लिस्ट में डाल दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि ऐसा करने से समूह की आतंकवादी गतिविधियों के लिए जवाबदेही बढ़ेगी.
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को स्पेशियली डेजिग्नेट ग्लोबल टेरेरिस्ट (SDGT) घोषित कर दिया है. हूती संगठन जहाजों को लाल सागर पर रोक कर उसमें लूटपाट करते हैं. कई बार जहाजों में सवाल लोगों को बंधक तक बना लेते हैं. अमेरिका ने हाल ही में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया था. इसके बाद ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में इनको शामिल कर दिया है. अमेरिका की ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट क्या है और इसमें शामिल होने के बाद हूतियों अमेरिका क्या कार्रवाई करेगा अब सवाल यही उठता है. अमेरिका ने लाल सागर में हूतियों के द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों की वजह से यह कदम उठाया है.
अमेरिकी सरकार की ताजा घोषणा के बाद, हूती विद्रोहियों को स्पेशियली डेजिग्नेट ग्लोबल टेरेरिस्ट (SDGT) लिस्ट में डाल दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि ऐसा करने से समूह की आतंकवादी गतिविधियों के लिए जवाबदेही बढ़ेगी. अंसारल्लाह, जिसे आमतौर पर हूती कहा जाता है, पर यह घोषणा 30 दिन बाद प्रभावी होगी. आइए जानते हैं कि अमेरिका की ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट क्या है और इसमें शामिल संगठनों पर क्या कार्रवाई होती है.
क्या है SDGT लिस्ट?
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डब्ल्यू बुश ने 23 सितंबर 2001 को एक एग्ज़िक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए थे. यह आदेश आतंकवादियों की फंडिग को रोकने के लिए अमेरिकी सरकार का एक शक्तिशाली हथियार के रूप में जाना जाता है. मौटे तौर पर इससे आतंकवादी संगठनों के वित्तीय सहायता नेटवर्क को ब्लॉक किया जाता है. यह आदेश अमेरिका को उन विदेशी व्यक्तियों और संगठनों की संपत्तियों को नामित करने और ब्लॉक करने के लिए अधिकृत करता है जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं. ऐसे व्यक्तियों और संगठनों की पहचान स्पेशियली डेजिग्नेट ग्लोबल टेरेरिस्ट के रूप में होती है. यह एग्ज़िक्यूटिव ऑर्डर अमेरिकी सरकार को उन व्यक्तियों और संस्थाओं की संपत्तियों को ब्लॉक करने का अधिकार देता है जो आदेश के तहत नामित आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों की सहायता करते हैं.
ग्लोबल टेरेरिस्ट पर क्या कार्रवाई होगी?
आतंकी संगठनों की फंडिग रोकने के अलावा, अमेरिका की ओर से नामित ग्लोबल टेरेरिस्ट संगठनों पर इस तरह की कार्रवाई भी की जाएंगी.
- किसी भी व्यक्ति या संस्थान को इन नामित व्यक्तियों या संस्थाओं को दान देने से रोका जा सकेगा.
- आतंकवाद से जुड़े व्यक्तियों या संस्थाओं के बारे में सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा.
- दुनिया के सभी देशों की सरकारों को आतंकवाद का समर्थन करने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के बारे में सचेत किया जाएगा.
- आतंकवादी नेटवर्क को ब्लॉक किया जा सकेगा, जिससे आतंकवादी समूह को वित्तीय और बाकी संसाधनों की मदद न पहुंचे.
- नामित संगठनों को आतंकवाद के कारोबार से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा.
हूती पहले भी ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित हो चुका है
अमेरिका हूती विद्रोहियों को पहले भी ग्लोबल टेरेरिस्ट की लिस्ट में डाल चुका है. जनवरी 2021 में हूती संगठन का नाम इस लिस्ट में शामिल किया गया था. लेकिन बाइडन प्रशासन ने 2021 की फरवरी में उनको इस लिस्ट से निकाल दिया था. तब यमन में नागरिक सहायता का हवाला देकर हूती विद्रोही संगठन से स्पेशियली डेजिग्नेट ग्लोबल टेरेरिस्ट का टैग हटवा लिया था. जिससे मानवीय त्रासदी की हालत से जूझ रहे यमन के लोगों के लिए जरूरी मदद सामग्री भेजी जा सके. लेकिन अब लाल सागर में इनके द्वारा लगातार हमलों की वजह से फिर से हूती संगठन को इस सूची में डाल दिया गया है.
आखिर लाल सागर में हूती हमले क्यों कर रहे हैं?
हूती इजरायल को अपना दुश्मन मानते हैं. ये समूह इजरायली जहाजों या इजरायल की ओर जाने वाले जहाजों को लाल सागर पार करने से रोकता है. बीते कुछ महीनों में हूतियों ने ड्रोन और मिसाइलों से दो दर्जन से ज्यादा जहाजों पर हमला किया है. हूती विद्रोहियों का कहना है कि जब तक इजराइल गाजा में संघर्ष बंद नहीं करता तब तक उनके हमले जारी रहेंगे.
एक मीडिया को दिए बयान में हूती के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुस्सलाम ने कहा कि अमेरिका की इस घोषणा से संगठन में कार्रवाई में कोई बदलाव नहीं आएगा. वो अब भी इजरायल के जहाजों को लाल सागर पार करने से रोकते रहेंगे. प्रवक्ता अब्दुस्सलाम ने कहा कि समूह “फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटेगा”.