जानिए कैसे एक महिला को दिल्ली पुलिस के नाम पर ठग लिया गया, 1.51 करोड़ की धोखाधड़ी की सच्ची कहानी!
मुंबई की 78 साल की महिला से साइबर अपराधियों ने दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर 1.51 करोड़ रुपये ठग लिए। अपराधियों ने महिला को झांसा दिया कि उसने अपनी बेटी को भेजे गए पार्सल में प्रतिबंधित दवाइयां और डॉलर भेजे हैं। फिर उसे गिरफ्तारी का डर दिखाकर अपने बैंक खाते की जानकारी मांग ली और पूरा पैसा ट्रांसफर करा लिया। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। जानिए कैसे ये साइबर अपराधी इतना बड़ा धोखाधड़ी कर पाए!
Fake Delhi Police Officers: मुंबई में साइबर अपराधियों ने एक 78 वर्षीय महिला से धोखाधड़ी की और 1.51 करोड़ रुपये ठग लिए। अपराधियों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर महिला को एक जाल में फंसा लिया। इस मामले की विस्तृत जानकारी और ठगी के तरीके को लेकर मुंबई पुलिस की साइबर शाखा ने जांच शुरू कर दी है।
महिला को कैसे फंसाया गया?
यह घटना दक्षिण मुंबई की एक 78 वर्षीय महिला के साथ हुई। महिला ने अपनी बेटी को अमेरिका भेजने के लिए एक पार्सल कूरियर के जरिए भेजा था। लेकिन इसके बाद महिला को एक फोन आया, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को कूरियर कंपनी का अधिकारी अमित कुमार बताते हुए महिला से कहा कि उसके पार्सल में प्रतिबंधित दवाइयां और अमेरिकी डॉलर पाए गए हैं। यह सुनकर महिला को घबराहट हुई और उसे इसके बाद पुलिस अधिकारियों के बारे में बताया गया।
वीडियो कॉल पर हुई धमकी
महिला को बताया गया कि उसकी बेटी ने जो पार्सल भेजा है, उसमें 2,000 ग्राम मेफेड्रोन (एक प्रतिबंधित दवा) और 2,000 डॉलर की नगदी मिली है। जालसाजों ने उसे कानूनी कार्रवाई का डर दिखाया और कहा कि अगर वह इस मामले में शामिल है, तो उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने महिला से वीडियो कॉल की और उसे गिरफ्तारी का डर दिखाया।
इसके बाद अपराधियों ने महिला को मजबूर किया और उसे अपने बैंक खातों की जानकारी देने के लिए कहा। इसके बाद महिला ने आरोपियों के कहे अनुसार अपने बैंक खाते से 1.51 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस की जांच जारी
महिला ने इस धोखाधड़ी के बाद तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दक्षिण मुंबई पुलिस स्टेशन और साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जबरन वसूली, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस इस मामले में अपराधियों को पकड़ने के लिए बैंक खातों के विवरण और कॉल डेटा रिकॉर्ड की जांच कर रही है, ताकि अपराधियों का पता चल सके और उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। इस घटना से यह साफ है कि साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को धोखा देने के तरीके दिन-प्रतिदिन और भी चतुर होते जा रहे हैं, और ऐसे मामलों में सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।
यह मामला एक चेतावनी है, जिसमें बताया जा रहा है कि साइबर अपराधी कैसे लोग अपने चतुराई से दूसरों को ठगते हैं और किसी को भी आसानी से फंसा सकते हैं। महिला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पुलिस ने सभी जरूरी कदम उठाने का वादा किया है।