कैसी है हाथरस वाले बाबा की 3 लेयर प्राइवेट आर्मी? मुफ्त में काम करते हैं सभी जवान

हाथरस के रतिनाभपुर के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के समापन के दौरान मची भगदड़ में करीब 121 लोगों के मौत की खबर है. इसमें महिलाएं और बच्चे ज्यादा है जिन्हें भीड़ ने कुचल दिया. बताया जा रहा है कि इस सत्संग की इजाजत भी प्रशासन से नहीं ली गयी थी. इस हादसे में उसकी प्राइवेट आर्मी की भी भूमिका सामने आई है. ये लोग बिना पैसे लिए काम करते हैं और कुछ दिन काम करके अपने-अपने घरों को लौट जाते हैं.

JBT Desk
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उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान बड़ा हादसा हो गया. इस जगह पर मची भगदड़ में 121 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इनमें महिलाएं, पुरुष और 3 बच्चे हैं. इस मामले की न्यायिक जांच होगी. एक मामला दर्ज किया गया है. सैकड़ों लोगों की मौत के बाद से सूरजपाल उर्फ बाबा भोले फरार है. हर कोई बाबा की गिरफ्तारी का इंतजार कर रहा है. इस बाबा की संपत्ति को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है. बाबा के पास सैकड़ों एकड़ जमीन है. बाबा का आश्रम 5 स्टार है. इतना ही नहीं बाबा के पास खुद की प्राइवेट आर्मी भी मौजूद है. 

इस हादसे के बाद सबसे ज्यादा चर्चा बाबा के सेवादारों और उसकी सुरक्षा में लगे लोगों की हो रही है. बताया जा रहा है कि भगदड़ के दौरान इसी आर्मी से जुड़े सेवादार मौजूद थे. इन लोगों ने भीड़ को रोकने और बाद में डंडे के दम पर भगाने की कोशिश भी की थी. सोशल मीडिया पर वायरल दावों में कहा जा रहा है कि इस प्राइवेट आर्मी के लोगों ने सत्संग में आई भीड़ के साथ धक्का-मुक्की भी की. ऐसे में इस आर्मी को लेकर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

'भोले बाबा' की प्राइवेट आर्मी 

मिली जानकारी के मुताबिक भोले बाबा की सुरक्षा से लेकर सत्यसंग की जिम्मेदारी सब कुछ इनके  जवानों के पास रहता था. बाबा के इन लोगों को भी कई कैटगरी में बांटा जाता है. इसके साथ ही इन्हें अलग-अलग यूनिफॉर्म और नाम भी दिए जाते हैं. हैरानी की बात तो ये है कि बाबा के भक्त ये काम फ्री में करते हैं.  जिन्हें ये लोग सेवा भी कहते हैं. यह सब चलाने, ड्यूटी लगाने, ड्यूटी बदलने के लिए बाकायदा एक सिस्टम काम करता है. जिला स्तर पर इसे मैनेज करने वालों को कमांडर कहा जाता है.

बिना सैलरी के काम करते हैं जवान

बाबा के इन भक्तों को सुरक्षा में शामिल होने के लिए न तो कोई ट्रेनिंग मिलती है और न ही इसके लिए उन्हें पैसे दिए जाते हैं. इस प्राइवेट आर्मी में स्थायी तौर पर काम करने वाले लोग भी बहुत कम ही हैं. ज्यादातर लोग कुछ दिनों के लिए ड्यूटी करते हैं और फिर अपने काम पर लौट जाते हैं. यह भी कहा जाता है कि पुलिस में काम करने वाले लोग भी बाबा के भक्त हैं और छुट्टी लेकर वे भी इस आर्मी में काम करने आते हैं.

कई कैटगरी में तैनात हैं बाबा के जवान

बाबा के सुरक्षा के लिए एक स्पेशल फोर्स है. जो काले कपड़े पहनते हैं. इसके अलावा इन लोगों को ब्लैक कमांडो या गरुड़ योद्धा कहा जाता है. ये 20-20 की टुकड़ी में रहते हैं. बाबा के काफिले के आगे बाइक लेकर चलना हो या मंच के चारों ओर घेरा बनाना हो, यही फोर्स काम करती है. इसके अलावा कुछ लोग गुलाबी कपड़े में मौजूद रहते हैं. जिन्हें रायणी सेना कहा जाता है और ये 50-50 की टुकड़ी में होते हैं. बाबा के आश्रमों से लेकर कथा के स्थलों तक यही लोग काम करते हैं. इनमें महिलाएं भी होती हैं जो सूट या साड़ी के साथ टोपी लगाती हैं. 

बाब की हरि वाहक सेना

हादसे के मुख्य आरोपी बाबा की तीसरी सेना में ब्राउन ड्रेस पहने दिखने वाले लोग 25-25 की टुकड़ी में होते हैं. कुछ लोग सफेद कपड़े पहने भी दिखते हैं. सिर पर टोपी पहनने वाले सफेद और ब्राउन वालों को हरि वाहक कहा जाता है. इन लोगों का काम पंडाल के अंदर भक्तों के बैठने की व्यवस्था करने और उन पर नजर रखने का होता है. बताया जाता है कि बाबा की आर्मी में 10 हजार से ज्यादा लोग हैं. 

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04 July 2024, 03:04 PM IST

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