नॉलेज : गणतंत्र दिवस की परेड में सर्वश्रेष्ठ झांकी का कैसे होता है चुनाव? जानिए क्या है पूरी प्रकिया
Republic Day parade : गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ से निकली झांकी में बुद्ध और जैन संतों को संवाद करते हुए दिखाया गया है. एआई से लेकर चंद्रयान-3 और राम मंदिर तक की झलक यहां झांकियों में देखने के लिए मिली. इस मौके पर 25 से अधिक झांकियां निकाली गईं.
Republic Day Parade 2023 : भारत ने आज 75वां गणतंत्र दिवस मनाया और इस मौके पर कर्तव्य पथ पर 25 से अधिक झांकियां निकाली गईं. देश के नागरिकों को गौरव और जोश से भर देने वाली वाली झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया. अलग-अलग राज्यों और मंत्रालयों की झांकियों में से चुनकार तीन को सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार दिया जाता है. आखिर इन झांकियों का चयन किस तरह होता है आज हम इसके बारे में आपको बता रहे हैं.
सर्वश्रेष्ठ झांकी का चयन कैसे होता?
गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ से निकलने वाली सिर्फ झांकियां ही नहीं, मार्च करने वाले अलग-अलग रेजिमेंट से भी सर्वश्रेष्ठ का चुनाव होता है. इस कार्यक्रम को कराने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की होती है. हर छोटी-बड़ी बात का फैसला यही मंत्रालय लेता है.
रक्षा मंत्रालय की टीम लेती है फैसला
सर्वश्रेष्ठ झांकी और दूसरी चीजों को चुनने के लिए रक्षा मंत्रालय तीन लोगों की एक टीम बनाता है. यह टीम गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली झांकियों को बारीकी से देखती है और मानकों पर परखती है. यह टीम पूरे कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली राज्यों और मंत्रालयों की परेड करती है.
पिछले साल उत्तराखंड की झांकी रही सर्वश्रेष्ठ
इसके अलावा केंद्र सरकार जनता से भी राय मांगती है. इसके लिए बकायदा पोल कराए जाते हैं. Mygov की ऑफिशियल वेबसाइट पर होने वाले पोल में जनता अपनी मनपसंद झांकी को वोट कर सकती है. पिछले साल की परेड में 28 जनवरी तक पोल किए गए थे. अंतत: उत्तराखंड की झांकी ने सर्वश्रेष्ठ झांकी का अवॉर्ड जीता था. यह तो हुई सर्वश्रेष्ठ झांकियों के चुनाव की बात. अब जानते हैं कि किसी राज्य को अपनी झांकी गणतंत्र दिवस शामिल कराने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ती है.
परेड में कौन सी झांकियां होंगी शामिल, यह कैसे तय होता है
26 जनवरी की परेड में झांकियों को शामिल करना भी आसान काम नहीं होता. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झांकियों का सेलेक्शन होगा या नहीं यह कई बातों पर निर्भर होता है. जैसे- वो कैसी दिखेगी. लोगों पर कितना असर छोड़ पाएगी. किस तरह का म्यूजिक जोड़ा गया है और जो थीम तैयार की गई है उसे कितनी गहराई से दिखाया गया है.
यह पूरी प्रक्रिया 7 स्टेप्स में पूरी होती है, जिसमें कई हफ्ते लगते हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है जिसे झांकी बनाने वाले राज्यों या मंत्रालयों को पूरा करना होता है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से बनी कमेटी मानकों की जांच करती है. शुरुआती दौर में झांकी का स्केच मंगाया जाता है. पहले चक्र में मंजूरी मिलने के बाद आवेदनकर्ताओं से 3डी मॉडल भेजने को कहा जाता है. इस तरह 7 चरणों में इसे परखा जाता है और फिर मंजूरी मिलती है. झांकी बनने के बाद रक्षा मंत्रालय हर राज्य को झांकी के लिए एक ट्रेलर और एक ट्रैलर उपलब्ध कराता है.