एक महीने में कितनी बार धुलता है ट्रेन वाला कंबल, सच्चाई जान हैरान रह जाएंगे आप

ट्रेनों में मिलने वाले कंबलों की एक महीने में एक बार धुलाई होती है. संसद में एक सांसद के सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी.

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अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो आपने एसी कोच में  मिलने वाले कंबल  को जरूर यूज किया होगा. रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी में बताया जाता है क‍ि सफर के दौरान म‍िलने वाली बेडशीट और प‍िलो कवर को हर यात्रा के बाद धोया जाता है. लेक‍िन क्‍या आपको पता है क‍ि आप सफर में जो कंबल यूज करते हैं, उनको कितने  दिनों बाद धोया जाता है? इस बारे में खुद रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने बुधवार को लोकसभा में जानकारी दी.

दअसल, कांग्रेस के सांसद कुलदीप इंदौरा ने कंबल की धुलाई और साफ-सफाई को लेकर रेल मंत्री से संसद में सवाल पूछा था. इसके लिखित जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया लोकसभा में बताया कि महीने में कम से कम एक बार कंबल की धुलाई अवश्य की जाती है. 

उल्लेखनीय है कि ट्रेन के एयरकंडीशंड क्लास में बेड रोल रेलवे की तरफ से दिया जाता है. इसमें गंदे चादरों और कंबलों की सप्लाई की अक्सर शिकायतें मिलती हैं. चादर तो हर इस्तेमाल के बाद जरूर धो दी जाती है, लेकिन कंबल तो समेट पर फिर से अगले पैसेंजर को दे दिया जाता है. एक ओवरनाइट ट्रेन में एक महीने के दौरान 30 यात्री तो आराम से इसे इस्तेमाल कर ही लेते हैं.

रेल मंत्री ने  बताया क‍ि सफाई के ल‍िए ऑटोमेट‍िड लॉन्‍ड्री फेस‍िलि‍टी, स्‍टैंडराइज वाश‍िंग इक्‍युपमेंट, स्पेसिफिक क्‍लीन‍िंग एजेंट और कपड़े धोने की प्रोसेस की देखरेख शामिल है.उन्‍होंने बताया क‍ि व्‍हाइटो-मीटर धुली हुई ल‍िनन की क्‍वाल‍िटी को चेक करता है. इतना ही नहीं ल‍िनन आइटम की लाइफ को शॉर्ट कर द‍िया गया है और नए आइटम को पहले के मुकाबले तेजी से र‍िप्‍लेस क‍िया जा सकेगा.उन्‍होंने बताया क‍ि रेलमदद पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में लिनन / बेडरॉल से जुड़ी श‍िकायतों पर नजर रखने और कार्रवाई के लिए जोनल हेड ऑफ‍िस और डिवीजनल लेवल पर वॉर रूम बनाए गए हैं. First Updated : Thursday, 28 November 2024