पृथ्वी की कोर में कितना लोहा है? जानिए इस गहरे रहस्य को!
पृथ्वी का सबसे भीतरी हिस्सा, जिसे कोर कहा जाता है, मुख्य रूप से लोहे से बना है. यह कोर जमीन से लगभग 2900 किलोमीटर नीचे स्थित है और एक ठोस गेंद जैसी संरचना में होता है. इसकी ऊपरी परत द्रव है, जबकि निचला हिस्सा ठोस रूप में होता है.

पृथ्वी की कोर (Core) हमारे ग्रह का सबसे गहरा और रहस्यमयी हिस्सा है, जो लगभग 2900 किलोमीटर गहरे में स्थित है. यह पृथ्वी की सबसे भीतरी परत है और इसका मुख्य हिस्सा लोहा (Iron) और निकेल (Nickel) से बना हुआ है. पृथ्वी की कोर को दो मुख्य हिस्सों में बांटा जाता है: बाहरी कोर (Outer Core) और आंतरिक कोर (Inner Core).
1. बाहरी कोर: पृथ्वी का बाहरी कोर लगभग 2200 किलोमीटर गहरा है और यह तरल रूप में होता है. इसमें मुख्य रूप से लोहा और निकेल होते हैं, साथ ही इसमें कुछ मात्रा में सल्फर और ऑक्सीजन भी शामिल होते हैं. बाहरी कोर की तरल अवस्था के कारण यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने में मदद करता है.
2. आंतरिक कोर: पृथ्वी का आंतरिक कोर ठोस और ठोस लोहा और निकेल से बना होता है, जो लगभग 1270 किलोमीटर की गहराई में स्थित है. इस कोर का तापमान 5000-6000 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है, जो सूर्य के सतह के तापमान के करीब है. आंतरिक कोर की ठोस संरचना इसके अत्यधिक दबाव के कारण है.
कोर में लोहा: पृथ्वी के आंतरिक कोर में अधिकांश लोहा होता है, जो पृथ्वी के कुल लोहा का लगभग 80% बनाता है. यह लोहा अत्यधिक दबाव के कारण ठोस रूप में होता है और इसमें भारी मात्रा में ऊर्जा और गर्मी होती है. लोहा पृथ्वी की कोर को एक मजबूत संरचना प्रदान करता है और यह कोर की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है.
2900 किलोमीटर नीचे क्या है?
अगर आप पृथ्वी की सतह से लगभग 2900 किलोमीटर नीचे जाएं, तो आपको पृथ्वी की कोर की सीमा (Core-Mantle Boundary) मिलेगी, जिसे "गुतेंबर्ग डिस्कंटीनिटी" कहा जाता है. इस बिंदु के नीचे, सभी भौतिक प्रक्रियाएं पूरी तरह से अलग होती हैं. यह स्थान वहां से नीचे की ओर लिक्विड लोहा और निकेल का विशाल समुच्चय होता है. बाहरी कोर से आंतरिक कोर तक का अंतर पृथ्वी की गतिशीलता और उसके चुंबकीय क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
क्या है वहां और क्या चौंकाने वाला है?
2900 किलोमीटर की गहराई में पृथ्वी के अंदर की संरचना की जानकारी बेहद सीमित है, क्योंकि हम इस गहराई तक नहीं पहुंच सकते. हालाँकि, वैज्ञानिकों ने कई शोधों और सैटेलाइट डेटा का उपयोग करके इस हिस्से के बारे में कुछ जानकारी इकट्ठा की है. वहां के तापमान, दबाव और भौतिक परिस्थितियों के बारे में जानकारियां निरंतर चौंकाती रहती हैं. पृथ्वी की कोर के बारे में और जानने के लिए, वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान कर रहे हैं, और नई तकनीकों से अधिक जानकारी मिलती रहती है.


