मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. जल्द ही तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नामों का ऐलान हो जाएगा. तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 सांसदों को भी उतारा था. लेकिन इनमें से 12 सांसद ही चुनाव जीते हैं. फिलहाल आज हम तीन अलग-अलग राज्यों में मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी के बारे में आपको बता रहे हैं. हालाकि इसके पहले हम आपको सांसदों की सैलरी के बारे में बता देते हैं.
लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक महीने की बेसिक सैलरी 1 लाख रुपये है. इसके अलावा जब संसद सत्र चलता है तो हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता दिया जाता है. साथ ही 70 हजार रुपये का भत्ता निर्वाचन क्षेत्र के लिए और ऑफिस के खर्चे के लिए 60 हजार रुपये मिलते हैं.
मध्यप्रदेश में वर्तमान में विधायकों को 1.10 लाख रुपये प्रति महीने वेतन मिलता है. इसमें 30 हजार रुपये बेसिक सैलरी है. बाकी 70 हजार रुपये भत्ते के रूप में मिलते हैं. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को 2 लाख रुपये, कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख रुपये और राज्य मंत्रियों को 1.45 लाख रुपये का वेतन-भत्ता हर महीने मिलता है. एमपी सरकार ने इस साल विधायकों की सैलरी और भत्ते 40 हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि, अभी ये प्रस्ताव पास नहीं हुआ है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यहां के विधायकों को हर महीने 1.17 लाख रुपये की सैलरी और भत्ते मिलते हैं. इसमें 20 हजार रुपये बेसिक सैलरी है. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को 1,32,500 रुपये, मंत्रियों को 1,17,500 रुपये और राज्य मंत्रियों को 1,07,500 रुपये प्रतिमाह सैलरी और भत्ते मिलते हैं.
राजस्थान में अगस्त 2019 में विधायकों की सैलरी और भत्तों को बढ़ाया गया है. अभी राजस्थान में विधायकों को हर महीने 40 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है. इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 75 हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है. कुल मिलाकर 1 लाख 15 हजार महीने मिलते हैं. इन सबके अलावा सत्र के दौरान हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता मिलता है. साथ ही टेलीफोन बिल के लिए हर महीने 2,500 रुपये मिलते हैं.
नेताओं की सैलरी के बारे में अगर आपको नहीं पता तो हमारे द्वारा दी जाने वाली जानकारी आपको हैरान कर सकती है. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि जो 12 सांसद चुनाव जीतकर विधायक बने हैं उनको विधायक की सैलरी मिलेगी इसके साथ ही उनको सांसदी की पेंशन भी साथ मिलती रहेगी. अगर कोई व्यक्ति विधायक पद से हट जाता है तब भी उसको सांसद और विधायक, दोनों की पेंशन मिलती है. अगर वह व्यक्ति कभी राज्यपाल रहा था तो उसकी भी पेंशन उसको मिलेगी. मतलब एक व्यक्ति अगर दो घंटे के लिए भी विधायक, सांसद, राज्यपाल बन गया तो आगे उसकी पेंशन उम्र भर के लिए पक्की हो जाएगी. First Updated : Friday, 08 December 2023