भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) के हैदराबाद स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ARDE) ने भारतीय सेना के लिए नई असॉल्ट राइफल लॉन्च की है. इस राइफल का नाम है उग्रम (Ugram Assault Rifle) है. यह 7.62x51mm कैलिबर की राइफल है. जिसका वजन चार किलोग्राम से कम है. इसकी मारक रेंज 500 मीटर है. रौचक बात यह कि डीआरडीओ (DROO) ने इसे मात्र 100 दिन में तैयार किया है. मंगलवार को डीआरडीओ ने इसे लॉन्च किया है. 4 किलो वजनी इस राइफल की रेंज 500 मीटर है. इस असॉल्ट राइफल को तैयार करने के लिए DRDO के हैदराबाद के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ARDE) ने हैदराबाद की निजी कंपनी DAIP के हाथ मिलाया था. इस स्वदेशी राइफल की कई खासियतें हैं जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं.
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत तैयार की गई यह राइफल सिंगल और फुल ऑटो मोड में फायरिंग करती है. 7.62×51 मिली मीटर कैलिबर वाली इस राइफल में 20 राउंड की मैगजीन लगती है. एआरडीई के डायरेक्टर अंकथि राजू का कहना है कि 100 दिनों में उग्रम राइफल को तैयार करना बड़ी उपलब्धि है. जल्द से जल्द इसे हम सेना के हाथों में पहुंचाना चाहते हैं. इस नई राइफल में 5.62 एमएम कैलिबर वाली गोलियों का इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि इंसास राइफल में सिर्फ 5.62 एमएम कैलिबर वाली गोलियों का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह उग्रम इंसास राइफर से ज्यादा पावरफुल है. जो जल्द ही सेना के जवानों के हाथों में होगी.
भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बल अभी तक इंसास राइफल का इस्तेमाल करते हैं. नई उग्रम राइफल को इनके लिए ही तैयार किया गया है. राइफल के परीक्षण के बाद जवानों को यह हथियार दिया जाएगा. इसे सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
यह राइफल कई टेस्ट से गुजरने के बाद सेना के हाथ में जाएगी. इसके लिए राइफल की कई स्तर पर टेस्टिंग होगी इसके बाद तय होगा कि यह भीषण गर्मी और सर्दी को सहने में कितनी सक्षम है. इसके काम करने के तरीके पर मौसम का क्या असर होगा यह भी देखा जाएगा.
वैसे भी किसी भी हथियार की टेस्टिंग में कई अहम बातों पर ध्यान दिया जाता है. जिसमें उसके निशाना लगाने की क्षमता, अलग-अलग हालातों में हथियार के काम करने की क्षमता, रख-रखाव का असर जैसी कई बातें हैं. खास बात यह है कि उग्रम पिछली कई राइफल्स से एडवांस्ड है. यही वजह है कि इसे शक्तिशाली हथियार माना जा रहा है. हालांकि अभी इसकी टेस्टिंग होनी बाकी है.
ARDE के निदेशक का कहना है कि हमने इसे तैयार करने में डेवलपमें कम प्रोडक्शन पार्टनर पॉलिसी का पालन किया है. इस तरह इसे डिजाइन करने के साथ हमने इसके प्रोडक्शन भी फोकस किया है. एक बार उत्पाद विक्रेता की ओर से पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराए जाने के बाद इस राइफल को ट्रायल से गुजारा जाएगा. फिलहाल हैदराबाद की द्विपा आर्मर को हमने ऑर्डर दे दिया है. यहां से मिलने के बाद जल्द ही राइफल का ट्रायल शुरू होगा. First Updated : Wednesday, 10 January 2024