मोदी सरकार की नीतियों का असर: हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों ने अपनाया राष्ट्रीय मुख्यधारा का रास्ता

हुर्रियत से जुड़े दो और गुटों ने अलगवाद का रास्ता छोड़कर भारत के संविधान में विश्वास जताया है. इन गुटों ने पीएम मोदी के नए भारत की सोच का समर्थन करते हुए मुख्यधार में लौटने का ऐलान किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में अलगवाद अंतिम सांसें गिन रहा है औऱ पूरे कश्मीर में शांति और एकता की नई गूंज सुनाई दे रही है.  

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो और समूहों ने अलगाववाद का मार्ग छोड़ दिया है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मेदी के नेतृत्व में नए भारत के सपनों पर भरोसा जताते हुए राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला लिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस खबर को साझा करते हुए लिखा, "कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी. हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों, जम्मू-कश्मीर तहरीकी इस्तेकलाल और जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकामत ने अलगाववाद त्याग दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत में अपना विश्वास जताया है."शाह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के तहत अलगाववाद अंतिम चरण में है और पूरे कश्मीर में राष्ट्रीय एकता की जीत की गूंज सुनाई दे रही है.

पहले भी कई समूह हुए अलग

इससे दो दिन पहले भी गृह मंत्री ने जानकारी दी थी कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो घटक जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (जेकेडीपीएम) ने भी अलगाववाद से अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए हैं. शाह ने इसे प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व और उनकी कश्मीर नीति की सफलता बताया था.

'फ्रीडम मूवमेंट' ने भी किया अलगाववाद का त्याग

इसके अलावा, जम्मू स्थित 'जेएंडके फ्रीडम मूवमेंट' ने भी अलगाववादी संगठन से अपने संबंध समाप्त करने की घोषणा की थी. संगठन के नेता मोहम्मद शरीफ सरताज ने तत्काल प्रभाव से समूह को भंग करने का ऐलान किया था.

मोदी सरकार की नीति का असर

मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों और कश्मीर में स्थिरता लाने की दिशा में किए गए प्रयासों का यह असर दिख रहा है कि लगातार कई अलगाववादी समूह अपने पुराने विचारधारा को त्यागकर राष्ट्रीय धारा में शामिल हो रहे हैं. केंद्र सरकार इसे कश्मीर में शांति और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है.

कश्मीर मे हो रहा शांति और स्थिरता का विकास

पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाख सख्त नीति अपनाई है. नए भारत के विकास और एकता के दृष्टिकोन से प्रेरित होकर कई अलगाववादी संगठनों का मुख्यधारा में आना इस बात का प्रमाण है कि कश्मीर में शांति और स्थिरता की दिशा में लगातार प्रगति हो रही है. 

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27 March 2025, 03:32 PM IST

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