हैदराबाद विश्वविद्यालय में गहराया भूमि विवाद, प्रशासन और छात्रों के बीच टकराव तेज, हिरासत में 53 छात्र
हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास 400 एकड़ भूमि को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. छात्रों का आरोप है कि सरकार इस जमीन की नीलामी कर आईटी पार्क बनाने की योजना बना रही है, जबकि यह क्षेत्र पर्यावरणीय रूप से महत्वपूर्ण है. जब छात्रों ने बुलडोजर और सरकारी मशीनरी को काम करते देखा, तो उन्होंने विरोध किया, जिसके चलते 53 छात्रों को हिरासत में लिया गया, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया.

हैदराबाद विश्वविद्यालय में 400 एकड़ जमीन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस भूमि को लेकर छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. छात्रों का आरोप है कि इस जमीन को नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है और इसे विकसित करने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
छात्रों ने किया विरोध
रविवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस विवादित भूमि पर सरकारी मशीनरी की मौजूदगी देखी तो वे विरोध में जुट गए. कुछ छात्रों ने बुलडोजरों पर चढ़कर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 53 छात्रों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया.
400 एकड़ जमीन पर सरकार का दावा
विवादित 400 एकड़ भूमि कान्चा गाचीबौली क्षेत्र में स्थित है, जो विश्वविद्यालय की सीमा से सटी हुई है. छात्रों का कहना है कि यह भूमि पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसे नष्ट किया जा रहा है. वहीं, सरकार इस जमीन पर आईटी पार्क विकसित करने की योजना बना रही है.
सरकारी काम में बाधा डाल रहे थे छात्र
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डाली और कुछ छात्रों ने पुलिस कर्मियों पर हमला भी किया. पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वन क्षेत्र को नष्ट किया जा रहा
छात्रों के अनुसार, इस भूमि पर पहले से ही बुलडोजर और अन्य मशीनें काम कर रही हैं. एक छात्र प्रतिनिधि ने कहा, "पूर्वी परिसर के पास बुलडोजर लगे हुए हैं और वे जंगल के हिस्से को साफ कर रहे हैं." एक अन्य छात्रा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जबरन हिरासत में लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
छात्र संघ ने की पुलिस कार्रवाई की निंदा
हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (UoHSU) ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की. छात्र संघ के अनुसार, उन्होंने पुलिस और प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ शांतिपूर्ण रैली निकाली थी, लेकिन पुलिस ने बलपूर्वक छात्रों को हिरासत में ले लिया.
भूमि पर दावे से इनकार
इस विवाद पर हैदराबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि यह भूमि विश्वविद्यालय के अधिकृत क्षेत्र में नहीं आती है. प्रशासन के अनुसार, जिस भूमि को लेकर विवाद चल रहा है, वह कानूनी रूप से विश्वविद्यालय के अधीन नहीं है.
आधिकारिक बयान का इंतजार
अब तक, सरकार की ओर से इस भूमि के नीलामी और उपयोग को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. हालांकि, छात्रों का विरोध यह दर्शाता है कि यह मामला और अधिक गंभीर हो सकता है.