माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं..., जब पूर्व पीएम ने शायराना अंदाज में दिया सुषमा स्वराज के सवालों का जवाब

एक मंझे हुए अर्थशास्त्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह जब राजनेता बने, तो उनकी शख्सियत के कई अनदेखे पहलू सामने आए. वह 10 साल पीएम रहे लेकिन कहा जाता था कि प्रधानमंत्री कुछ बोलते ही नहीं हैं. लेकिन कई बार संसद में उन्होंने अपने शायराना अंदाज से भाजपा नेताओं को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया था.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह नहीं रहे. यूपीए सरकार में वे दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह की छवि बहुत सौम्य और विनम्र वक्ता की रही है. वह कम शब्दों में अपनी बात कह जाते थे. वे हमेशा नपे-तुले और सीधे-सधे जवाब देने के लिए जाने जाते रहे. जहां संसद में अपनी बात रखते हुए अन्य सांसद और मंत्री अक्सर शायरी-कविताओं का काफी प्रयोग करते दिखते रहे हैं, मनमोहन सिंह के भाषणों में यह सब बातें बहुत नजर नहीं आती थीं, लेकिन सोचिए, सौम्य छवि वाले एक नेता के तौर पर पहचाने गए मनमोहन सिंह अपनी किसी बात को रखते हुए कोई शेर कह रहे हों... क्या नजारा रहा होगा. 

संसद में दिखा शायरी भरा अंदाज

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बीजेपी नेता सुषमा स्वराज काफी तीखा हमला बोल रही थीं, संसद में माहौल गर्म था और उन्होंने तंज भरे अंदाज में मनमोहन सिंह की तरफ देखकर कहा कि "तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूं लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है"... इस पर मनमोहन सिंह बिल्कुल भी नहीं घबराए और उन्होंने एक ऐसी शायरी बोली, जिससे पूरे सदन में ठहाके लगने लगे. उन्होंने सुषमा स्वराज को जवाब देते हुए कहा- "माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूं मैं. तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतजार देख. 

पूरे सदन का बदल गया माहौल

डॉ. मनमोहन सिंह के इस अलग अंदाज को देखते हुए गंभीर हो चुके सदन का पूरा माहौल ही बदल गया, क्या पक्ष क्या विपक्ष, सभी सांसद ठहाके लगाकर हंसने लगे और हर किसी ने शांत रहने वाले दिग्गज का शायराना अंदाज देखा. उन पर तीखे वार कर रहीं सुषमा स्वराज के चेहरे पर भी मुस्कान छा गई और उन्होंने भी मनमोहन सिंह की इस शायरी पर जमकर ठहाके लगाए. 

हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी

ऐसा ही एक दूसरा किस्सा 27 अगस्त 2012 का है जब संसद का सत्र चल रहा था. मनमोहन सरकार पर कोयला ब्लॉक आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. तब मनमोहन सिंह ने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन को लेकर कैग की रिपोर्ट में अनियमितताओं के जो आरोप लगाए गए हैं वे तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और सरासर बेबुनियाद हैं. उन्होंने लोकसभा में बयान देने के बाद संसद भवन के बाहर मीडिया में भी बयान दिया. उन्होंने उनकी 'खामोशी' पर ताना कहने वालों को जवाब देते हुए शेर पढ़ा, ''हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रखी.

 

2013 में भी दिखा था शायराना अंदाज

2013 में भी लोकसभा में एक बार शायराना सीन देखने को मिला जब मनमोहन ने कहा, 'हमें उनसे वफा की उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है. जवाब में भाजपा की तरफ से एक बार फिर सुषमा स्वराज ने मोर्चा संभाला और कहा कि पीएम ने बीजेपी को मुखातिब होकर एक शेर पढ़ा है. शायरी का एक अदब होता है. शेर का कभी उधार नहीं रखा जाता. मैं प्रधानमंत्री का ये उधार चुकता करना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि वो भी एक नहीं दो शेर पढ़कर. इतने में स्पीकर मीरा कुमार बोल पड़ीं कि फिर तो उन पर उधार हो जाएगा. उनकी इस बात पर सभी हंस पड़े.

calender
27 December 2024, 09:19 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो