I.N.D.I गठबंधन एक मिथक... BJP ने विपक्षी एकता पर उठाए सवाल
इमरजेंसी पर प्रस्ताव के समर्थन से लेकर स्पीकर के चुनाव में हार तक भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को 18वीं लोकसभा के तीसरे दिन विपक्षी एकता पर सवाल उठाए. स्पीकर ओम बिरला ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए कहा कि सदन इसकी कड़ी निंदा करता है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष विपक्षी एकता एक मिथक है.
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इमरजेंसी पर प्रस्ताव के समर्थन से लेकर स्पीकर के चुनाव में हार तक भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को 18वीं लोकसभा के तीसरे दिन विपक्षी एकता पर सवाल उठाए. स्पीकर ओम बिरला ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए कहा कि सदन इसकी कड़ी निंदा करता है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष एकता एक मिथक है.
I.N.D.I गठबंधन के कई दलों ने अपातकाल पर प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि कांग्रेस ने अपना चेहरा छिपाने की कोशिश की. स्पीकर के चुनाव के दौरान ध्वनि मत या मत विभाजन की मांग को लेकर भी विपक्ष में एकमत नहीं था. तीसरी बार फेल राहुल गांधी विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले दिन ही फेल हो गए. स्पीकर का चुनाव हारना ताज था.
Opposition unity is a myth…
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 26, 2024
Several parties in the I.N.D.I Alliance supported the resolution on #Emergency, while Congress tried to hide its face. There was also no unanimity in the Opposition over seeking a voice vote or division during Speaker’s election.
Third Time Fail…
BJP नेता शहनाद पुनावाल ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) समाजवादी पार्टी और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर लिखा कि वाह, समाजवादी, DMK, टीएमसी के सांसद कांग्रेस से अलग हो गए जब उसने इमरजेंसी की निंदा करने वाले प्रस्ताव का विरोध किया! यह I.N.D.I गठबंधन है.
बीते दिन 25 जून मंगलवार को INDI गठबंधन में एकता की कमी का पहला संकेत तब मिला जब टीएमसी, तीसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने कांग्रेस द्वारा उनके लिए गए सलाह स्पीकर के चुनाव के लिए प्रत्याशी खड़ा करने के कदम पर अपनी नाराजगी नहीं छिपाई. जैसे- जैसे टीएमसी खेमे से खबरे आ रही थीं. सदन में राहुल गांधी और टीएमसी के अभिषेक बनर्जी के बीच चर्चाओं पर जोर दिया जा रहा था.
इस बीच दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी और टीएमसी न अपातकाल के खिलाफ प्रस्ताव का सपोर्ट किया है जिसमें कांग्रेस को निराशा हुई और भाजपा को खुशी हुई. स्पीकर ओम बिरला ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए कहा कि सदन इसकी कड़ी निंदा करता है. उन्होंने उन लोगों के सकल्प की सराहना की जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया. उसके अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और लोकतंत्र की रक्षा जिम्मेदारी को बरकरार रखा.