IAF: वायुसेना का विमान नागपुर से पुणे लाया 'हार्ट', सेना के जवान में किया गया ट्रांसप्लांट
India Air Force: पुणे में एयरफोर्स के जवान में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. वायु सेना का एक विमान जीवित मानव हृदय को नागपुर से एयरलिफ्ट कर पुणे पहुंचा था.
Heart Transplant: महाराष्ट्र में भारतीय वायुसेना के एक जवान में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. इसके लिए एयर फोर्स का एक विमान बुधवार को नागपुर से जीवित मानव हृदय एयरलिफ्ट कर पुणे पहुंचा था. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया था. ये यातायात विभाग द्वारा ट्रैफिक का प्रबंधन करता है, ताकि महत्वपूर्ण अंगों से समय से पहले पहुंचाया जा सकें.
रक्षा विभाग की विज्ञप्ति के मुताबिक, वायु सेना के जवान में हार्ट ट्रांसप्लांट पुणे के आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियो-थोरेसिक साइंसेज (AICTS) में किया गया. जीवित मानव हार्ट को भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से नागपुर से लगभग 700 किमी. दूर पुणे लाया गया. नागपुर में प्रशासन ने एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था. इसके माध्यम से मानव हृदय को बहुत कम समय में अस्पताल पहुंचाया गया.
सेना के जवान में धड़केगा महिला का हार्ट
'कभी अलविदा ना कहना...धड़क रहा हूं किसी के सीने में... किसी को दिखा रहा हूं दुनिया..' शायद इसलिए ही अंगदान को महादान कहा जाता है. जोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि दिल की डोनर एक 31 वर्षीय महिला थी. जिनका नाम शुभांगी गण्यारपवार था. बताया गया कि महिला अपने पति और डेढ़ साल की बेटी के साथ नागपुर में रहती थी. 20 जुलाई को महिला को गंभीर सिरदर्द की शिकायत के बाद नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर महिला का ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इसके बाद जोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर नागपुर के संयोजक दिनेश मंडपे ने महिला के परिजनों से अंगदान करने के बारे में बात की थी.
क्या है ग्रीन कॉरिडोर?
वायुसेना के दक्षिणी कमान ने ट्वीट कर कहा कि ग्रीन कॉरिडोर भारतीय वायुसेना ट्रैफिक पुलिस नागपुर, पुणे और एससी प्रोवोस्ट यूनिट की ओर से प्रदान किया गया था. दरअसल, ट्रांसप्लांट के लिए मानव अंगों को तेजी से पहुंचाने और जिंदगी बचाने के उद्देश्य से ग्रीन कॉरिडोर (हरित गलियारा) बनाया जाता है. इसमें यातायात विभाग, ट्रैफिक का इस तरह से प्रबंधन करता है कि महत्वपूर्ण अंग को समय से पहले गंतव्य तक पहुंचाया जा सके.