गुजरात में वायुसेना का जगुआर जेट क्रैश, लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद, नवंबर में होनी थी शादी
गुजरात के जामनगर में भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो गया, जिसमें 28 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए, जबकि उनके को-पायलट सुरक्षित बच गए. सिद्धार्थ हाल ही में सगाई कर चुके थे और नवंबर में उनकी शादी तय थी. तकनीकी खराबी के चलते हादसा हुआ. सिद्धार्थ ने अंतिम समय में विमान को आबादी से दूर ले जाकर कई जिंदगियां बचाई.

भारतीय वायुसेना (IAF) के जगुआर फाइटर जेट का गुजरात के जामनगर के पास बुधवार रात को रूटीन ट्रेनिंग मिशन के दौरान क्रैश हो गया. इस हादसे में 28 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की शहादत हो गई, जबकि उनके को-पायलट समय रहते सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे. दुखद बात यह है कि सिद्धार्थ की शादी इसी साल नवंबर में तय थी और मात्र 10 दिन पहले उनकी सगाई हुई थी.
सिद्धार्थ हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले थे और उनका परिवार वर्षों से भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों से जुड़ा रहा है. उन्होंने अपने परिवार की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए NDA परीक्षा पास की और कठिन प्रशिक्षण के बाद IAF के फाइटर पायलट बने.
खुले मैदान में गिराया विमान
यह हादसा रात करीब 9:30 बजे सुवारदा गांव में हुआ, जो जामनगर शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विमान टकराने के बाद आग का एक बड़ा गोला बन गया और मलबा चारों ओर फैल गया. स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और प्रशासन को इसकी सूचना दी. सिद्धार्थ और उनके को-पायलट ने आखिरी क्षणों तक विमान को आबादी से दूर रखने की कोशिश की, ताकि कोई नागरिक हताहत न हो. को-पायलट सफलतापूर्वक इजेक्ट करने में कामयाब रहे, लेकिन सिद्धार्थ यादव को अपनी जान गंवानी पड़ी.
परिवार का सैन्य परंपरा से गहरा नाता
सिद्धार्थ यादव एक फौजी परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनके परदादा ब्रिटिश काल में बंगाल इंजीनियर्स में थे, दादा अर्धसैनिक बल में सेवाएं दे चुके थे और उनके पिता भारतीय वायुसेना में कार्यरत थे, बाद में LIC से जुड़े. सिद्धार्थ ने 2016 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) परीक्षा पास की और तीन साल के कठोर प्रशिक्षण के बाद वायुसेना में भर्ती हुए. केवल दो साल की सेवा में उन्होंने अपनी काबिलियत साबित कर फ्लाइट लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया.
शहादत से पहले भी निभाई फर्ज की जिम्मेदारी
सिद्धार्थ यादव ने अपने आखिरी पलों में भी को-पायलट की जान बचाने और विमान को आबादी से दूर ले जाने को प्राथमिकता दी. भारतीय वायुसेना के बयान के मुताबिक, उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने के कारण पायलटों को इजेक्ट करना पड़ा, लेकिन सिद्धार्थ की जान नहीं बच सकी.
IAF के आधिकारिक बयान में कहा गया, "पायलटों ने विमान में तकनीकी दिक्कत महसूस की और तुरंत इजेक्शन का फैसला लिया. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि विमान किसी रिहायशी इलाके में न गिरे. दुर्भाग्यवश, एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दूसरा इलाज के लिए जामनगर में भर्ती है."
पिता ने दी श्रद्धांजलि
'देश के लिए जान कुर्बान की'सिद्धार्थ के पिता सुजीत यादव ने भावुक होते हुए कहा, "वह एक शानदार छात्र था और हमेशा से पायलट बनने का सपना देखता था. हमारे परिवार की परंपरा ही देश की सेवा करना है. मुझे उस पर गर्व है कि उसने दूसरों की जान बचाने के लिए अपना बलिदान दिया, लेकिन एक पिता के लिए यह दुख सहना बहुत कठिन है. वह मेरा इकलौता बेटा था."
पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाईफ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह रेवाड़ी पहुंचेगा, जहां उनके पैतृक गांव भालकी-माजरा में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.