म्यांमार में राहत ले जा रहे IAF विमानों को मिला 'फेक लोकेशन', GPS स्पूफिंग की जांच शुरू

सूत्रों के अनुसार, भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री ले जाते समय भारतीय वायुसेना के कई विमानों को म्यांमार के हवाई क्षेत्र में GPS स्पूफिंग का सामना करना पड़ा. इससे विमान के नेविगेशन सिस्टम में गड़बड़ी आई और पायलटों को बैकअप 'इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम' का उपयोग करना पड़ा. यह घटना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मानी जा रही है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

पिछले महीने आए भूकंप के बाद म्यांमार में राहत सामग्री पहुंचाने जा रहे भारतीय वायुसेना (IAF) के परिवहन विमानों को गंभीर सुरक्षा चुनौती का सामना करना पड़ा. 29 मार्च को C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान जब म्यांमार के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर रहा था, तब उसमें GPS स्पूफिंग की घटनाएं दर्ज की गईं. इससे पायलटों को नेविगेशन में कठिनाई हुई और उन्हें बैकअप सिस्टम 'इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम' (INS) का सहारा लेना पड़ा.

GPS स्पूफिंग एक प्रकार का साइबर हमला होता है, जिसमें गलत GPS सिग्नल भेजकर नेविगेशन सिस्टम को भ्रमित किया जाता है. इससे विमान को गलत लोकेशन डेटा मिलता है और वह यह समझता है कि वह किसी और स्थान पर है. विशेषज्ञों के अनुसार, इससे विमान की सुरक्षा को बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है, विशेष रूप से जब वह संवेदनशील या विदेशी क्षेत्र में उड़ान भर रहा हो.

ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भेजे गए थे विमान

भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' शुरू किया था, जिसके तहत कुल छह सैन्य विमान राहत सामग्री, क्षेत्रीय अस्पताल और बचाव दल लेकर भेजे गए. इनमें C-130J के साथ-साथ C-17 ग्लोबमास्टर हेवी-लिफ्ट विमान भी शामिल थे. इनमें से अधिकांश विमानों को GPS स्पूफिंग का सामना करना पड़ा.

पायलटों ने सतर्कता से बचाई स्थिति

सूत्रों के अनुसार, जैसे ही GPS स्पूफिंग की पहली घटना सामने आई, अन्य विमानों के पायलटों को इसके बारे में सतर्क कर दिया गया. इसके बाद बाकी विमानों ने म्यांमार के लिए उड़ान भरते समय इस चुनौती का पहले से अनुमान लगाकर अतिरिक्त सतर्कता बरती. पहले विमान की घटना के बाद INS सिस्टम के माध्यम से विमानों की दिशा तय की गई और सफलता से राहत कार्य संपन्न हुआ.

विदेशी हस्तक्षेप की आशंका

भारतीय वायुसेना ने इन घटनाओं पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सैन्य सूत्रों का मानना है कि GPS स्पूफिंग क्षेत्र में भारत के विरोधी तत्वों द्वारा की गई हो सकती है. हालांकि विदेशी हवाई क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की जांच करना व्यावहारिक रूप से बेहद कठिन माना जा रहा है.

GPS स्पूफिंग की यह घटना

GPS स्पूफिंग की यह घटना न केवल भारतीय वायुसेना के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भविष्य में साइबर और तकनीकी हमले किस तरह मानवीय मिशनों तक को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसी घटनाएं अब केवल संघर्ष क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहीं, और इसका समाधान ढूंढना अब समय की मांग बन गया है.

calender
14 April 2025, 10:52 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag