ट्रेन में सफर के दौरान रेलवे का कंबल चुराया तो हो सकती है 5 साल की जेल, जान लें नियम
ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्री यात्रा के दौरान अपने साथ उपलब्ध कराए गए चादरें, कंबल और तकिए ले जाते हैं। सामान की इस चोरी का खामियाजा रेलवे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है और उनके वेतन से पैसे काट लिए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप बेड रोल का सामान चुराते हैं तो इसकी आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है

लोग लंबी यात्राओं के लिए भारतीय रेलवे को सर्वोत्तम मानते हैं. चाहे वह जनरल डिब्बे हों या एसी कोच. आरामदायक यात्रा के साथ-साथ रेलवे अपने यात्रियों को कई प्रकार की सुविधाएं भी प्रदान करता है. यदि आप एसी कोच में यात्रा कर रहे हैं तो आपको रेलवे द्वारा बेड रोल उपलब्ध कराया जाता है. इसमें यात्रियों को दो चादरें, एक कंबल और एक तकिया दिया जाता है. हालांकि, रेलवे द्वारा दी जाने वाली ये सुविधाएं यात्रियों को पसंद नहीं आती हैं और ये सामान चोरी भी हो जाते हैं.
रेलवे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है खामयाजा
ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्री यात्रा के दौरान अपने साथ उपलब्ध कराए गए चादरें, कंबल और तकिए ले जाते हैं. सामान की इस चोरी का खामियाजा रेलवे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है और उनके वेतन से पैसे काट लिए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप बेड रोल का सामान चुराते हैं तो इसकी आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है और इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान है.
नियम क्या है?
यदि आप रेल से यात्रा कर रहे हैं तो आरामदायक यात्रा के लिए एसी कोच में बेड रोल उपलब्ध कराए जाते हैं. यात्रा पूरी होने के बाद यह सामान रेलवे कर्मचारियों को सौंपना या अपनी सीट पर सुरक्षित रखना यात्री की जिम्मेदारी है. कभी-कभी यात्री यह सामान अपने साथ ले जाते हैं. 2017-18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम रेलवे से 1.95 लाख तौलिए, 81,736 चादरें, 5,038 तकिए, 55,573 तकिए के कवर और 7,043 कंबल चोरी हो गए.
यदि आप ट्रेन में यात्रा करते समय चादर, तकिया या कंबल चुराकर अपने साथ ले जाते हैं तो रेलवे आपके खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है. रेलवे संपत्ति अधिनियम, 1966 के अनुसार, पहली बार चोरी के सामान के साथ पकड़े जाने पर एक साल की कैद या 1,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. अगर मामला गंभीर है तो 5 साल की सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है.


