Haryana News: हरियाणा में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. पार्टी के अंदर झगड़े शुरू हो गए हैं और इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल भी सवाल उठाने लगे हैं. आम आदमी पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) ने कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने पर सवाल खड़े किए हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने यूपी उपचुनाव की 10 में से 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सरकार बनाने जा रही कांग्रेस के लिए हरियाणा की हार एक बड़ी समस्या बन रही है. खासकर यूपी उपचुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए, इंडिया गठबंधन के साथी दलों ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. शिवसेना ने इस मामले में पहला हमला किया, और अब आम आदमी पार्टी भी इसमें शामिल हो गई है.
अखिलेश यादव ने यूपी में कांग्रेस को एक संदेश दिया है. दरअसल, यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें कांग्रेस कम से कम 5 सीटों पर दावा कर रही है. लेकिन सपा ने संकेत दिया है कि वह कांग्रेस को अधिकतम एक सीट ही दे सकती है. हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद, सपा ने छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिनमें से दो सीटें वो हैं, जिन पर कांग्रेस दावा कर रही थी.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस के अकेले चुनाव मैदान में उतरने पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन साथ होता, तो नतीजा अलग होता. यह बयान शिवसेना की प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा माना जा रहा है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन सकी है. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर सबसे ज्यादा सीटें मांगने का तर्क दिया था, लेकिन हरियाणा की हार के बाद उनकी मांग कमजोर हो गई है.
आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस पर ताने मारे हैं. हरियाणा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही थी, लेकिन दोनों अलग-अलग लड़ने का फैसला किया. अब दोनों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है. हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के सामने अब क्षेत्रीय दलों की मनमानी मानना मजबूरी बन गई है. आने वाले समय में झारखंड, महाराष्ट्र और यूपी में चुनाव हैं, लेकिन अब कांग्रेस उन राज्यों में अपनी बात मनवाने की स्थिति में नहीं है. क्षेत्रीय दल भी कांग्रेस पर दबाव बनाने में पीछे नहीं हटेंगे. First Updated : Wednesday, 09 October 2024