ईशनिंदा पर जिंदा जलाने वालो पैगम्बर (स) से सीखो, मस्जिद में पेशाब करने वाले के साथ किया था ऐसा सलूक

हाल ही में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह राज्य से कुछ वीडियो सामने आए हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक को जिंदा जलाया जा रहा है. खबरों में दावा किया गया है कि युवक पर कुरान का अपमान करने का आरोप है. हालांकि पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया लेकिन गुस्साई भीड़ ने थाने पर ही हमला बोल दिया और आरोपी को कैद से निकालकर उसको जान से मार डाला.

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पैगम्बर हजरत मोहम्मद (स.) का लोगों को इस्लाम सिखाने तरीका बहुत ही नायाब था. एक किस्सा है कि पैगम्बर मोहम्मद और कुछ सहाबी (मोहम्मद साहब के वक्त के लोग) मस्जिद ए नबवी में थे. इसी दौरान वहां पर एक शख्स आया और मस्जिद में पेशाब करने लगा. वहां पर मौजूद सहाबी उसे मारने के लिए दौड़े और झिड़कना शुरू कर दिया लेकिन पैगम्बर मोहम्मद साहब ने सहाबियों को रोक दिया और उसे शख्स को पेशाब करने दिया. जब शख्स पूरी तरह पेशाब कर चुका था तो उसको मस्जिद की पवित्रता के बारे में बताया गया ताकि आगे से ऐसा ना करे. इसके बाद उसको वहां से भेज दिया गया. (सही बुखारी- हदीस नंबर 6168)

कहा जाता है कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने इसलिए उस शख्स को कुछ नहीं कहने दिया ताकि अचानक उसको मारने पीटने या फिर डांटने से उसको पेशाब करने में दिक्कत हो सकती थी. कहा तो यह भी जाता है कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने इसलिए भी उसे कुछ नहीं कहने दिया क्योंकि वो मस्जिद की पवित्रता से वाकिफ नहीं था. एक मुफ्ती को अपने बयान में यह भी कहते हुए सुना जा सकता है कि पेशाब करने वाला शख्स पैगम्बर मोहम्मद के इस रवैये से बहुत प्रभावित हुआ था. तो ऐसी थी पैगम्बर मोहम्मद की शिक्षा, कुछ इस तरह उन्होंने लोगों को इस्लाम के बारे में बताया है. 

PAK में युवक को जिंदा जलाया

लेकिन इस्लाम के नाम पर भारत से अलग होकर बनने वाला मुल्क पाकिस्तान और वहां के लोग पैगम्बर मोहम्मद की शिक्षा को शायद भूल गए हैं. आज वहां के हालात ऐसे हैं कि मस्जिद से ऐलान करके लोगों को मारने के लिए बुलाया जा रहा है. जी हां हाल ही में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह राज्य के स्वात जिले में जो हुआ वो कुछ ऐसा ही इशारा कर रहा है. दरअसल यहां लोगों के एक हुजूम ने कुरान की तौहीन करने के आरोप में एक युवक को पुलिस की हिरासत से निकालकर जिंदा जला दिया और उसके चारों तरफ खड़े होकर लोग इस्लामी नारे लगा रहे हैं.

क्या है पूरी घटना?

BBC उर्दू की एक खबर के मुताबिक स्वात जिला पुलिस अधिकारी डॉ. ज़ाहिदुल्लाह ने बताया कि स्थानीय लोगों ने एक पर्यटक पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया और जब स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची तो बाजार में लोगों ने पर्यटक को घेर लिया था, लेकिन पुलिसकर्मी उसे भीड़ से बाहर निकालने में कामयाब हो गए और पुलिस स्टेशन ले गए. खबर में यह भी बताया गया कि पुलिस के पीछे-पीछे वो लोग भी थाने तक पहुंच गए जिनसे पुलिस ने आरोपी को बचाया था. शर्म की बात तो यह है कि इस घटना के बारे में मस्जिद के लाउड स्पीकर से भी ऐलान किया गया ताकि बाकी लोगों को भी इस बारे में जानकारी हो जाए और बड़ी तादाद में इकट्ठा हो सकें. 

थाने में लगी आग का मंजर

थाने से खींचकर ली गई भीड़

हुआ भी कुछ ऐसा ही. मस्जिद में ऐलान के बाद लोगों की तादाद में धीरे-धीरे इज़ाफा होने लगा और गुस्साए 'इस्लामी ठेकेदारों' ने पुलिस स्टेशन पर ही हमला बोल दिया. उन्होंने सामान के साथ तोड़फोड़ की और पुलिस स्टेशन को आग भी लगा दी. बात यहीं रुकी, पुलिस इस बार आरोपी को बचाने में नाकाम हो गई और गुस्साई भीड़ उसको अपने साथ ले गई. इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक जमीन पर पड़ा हुआ है जल रहा है. उसके आसपास बहुत से लोग नारा-ए-तकरीब (इस्लामी नारा) लगा रहे हैं. इसके अलावा लाश को गाड़ी में बांधकर घसीटने की भी जानकारी सोशल मीडिया से मिली है.

इस्लाम के नाम पर धब्बा: अमृतसरी

इस संबंध में जब हमने एक धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए पहचाने जाने वाले मौलाना अनवर अमृतसरी से बात की तो उन्होंने बताया,"इस तरह घटना को अंजाम देने वाले लोग इस्लाम का बदनाम करने के अलावा कुछ और नहीं कर रहे हैं. ये लोग इस्लाम के नाम पर धब्बे लगा रहे हैं. इन्हीं कथित मुसलमानों की वजह से अकसर इस्लाम पर सवाल उठते हैं." नेशनल ह्यूम राइट्स सोशल जस्टिस फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनवर अमृतसरी आगे कहते हैं,"किसी भी लिहाज से इस शख्स पर हमला ठीक नहीं था. पहली बात तो यह है कि अभी तक इस शख्स पर जुर्म साबित नहीं हुआ था. दूसरा यह है कि अगर जुर्म साबित हो जाता है तो सजा देना अदालतों का काम है."

कुछ पुरानी घटनाएं:

हाल ही में एक महिला की ड्रेस पर कुछ लोगों को आपत्ति हो गई थी. उनका कहना था कि उसने अपनी ड्रेस पर कुरान की आयतें लिखवाई हुई हैं. इसलिए बाजार में लोग उसे मारने को दौड़ने लगे लेकिन वहां एक महिला अफसर ने बहादुरी दिखाते हुए उसे बचा लिया था. 

महिला को बचाती हुई ASP सहर बानो

इसके अलावा पाकिस्तानी पंजाब के सरगोधा में कुरान का ही अपमान करने के आरोप में लोगों ने एक घर और फैक्ट्री को आग लगा दी थी. 

2023 में पंजाब में ही ननकाना साहिब के गुस्साई भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी शख्स को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर मार डाला था.

इसके बाद जारनवाला में ईशनिंदा के आरोप में ही ईसाई समुदायों पर हमले किए गए थे. इस बार गुस्साई भीड़ ने 19 चर्च 86 घरों को आग के हवाले कर दिया था. First Updated : Friday, 21 June 2024