केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी लेकिन इससे एक दिन पहले यानी 22 जुलाई को उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया. सोमवार को निर्मला सीतारमण ने दोपहर 12:10 बजे सर्वे संसद के पटल पर रखा. मोदी सरकार की तरफ से पेश किए गए इस आर्थिक सर्वेक्षण में एग्रीकल्चर और प्राइवेट सेक्टर पर काफी देखने को मिल रहा है. सर्वेक्षण पेश करने के दौरान सरकार ने एक खतरा भी जाहिर किया है.
2014 से भारत सरकार द्वारा किए गए सुधारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती से विकास पथ पर ला खड़ा किया है और भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मध्यम अवधि में अगर सरकार पिछले दशक में किए गए सुधारों पर काम कर सकती है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर आधार पर 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ सकती है.
सर्वेक्षण में 2023 विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है, 'भारत की तेजी से बढ़ती आबादी का 65 प्रतिशत हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु का है और उनमें से कई लोगों के पास आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक कौशल की कमी है.' अनुमानों से पता चलता है कि लगभग 51.25 प्रतिशत युवा रोजगार के योग्य माने जाते हैं. दूसरे शब्दों में लगभग दो में से एक अभी भी कॉलेज से सीधे रोजगार के योग्य नहीं है.
आर्थिक सर्वे पेश करते हुए सरकार ने खतरे के बारे में बात करते हुए बताया कि हमें ग्लोबल चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. ग्लोबल चुनौतियों की वजह से एक्सपोर्ट के मोर्चे पर देश की बड़ा झटका लग सकता है. अगर ऐसा होता है तो कैपिटल फ्लो पर असर देखने को मिल सकता है. हालांकि सरकार ने बताया है कि वो इसके लिए पूरी तरह से तैयार है.
सीतारमण कल संसद में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट प्रस्तुति के साथ सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी, जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 1959 और 1964 के बीच पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. सीतारमण का आगामी बजट भाषण उनका सातवां होगा.
First Updated : Monday, 22 July 2024