Manipur Violence: मणिपुर में फिर हुई हिंसा की घटनाएं, दो की मौत, 50 घायल
Manipur Violence: मणिपुर के तेंगनौपाल जिले के पैलेल में फायरिंग की दो अलग-अलग घटनाओं में गुरुवार को दो लोगों की मौत हो गई है. वहीं इस घटना में 50 अन्य लोगों की घायल होने की जानकारी है.
Manipur Violence: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले चार महीने से जली हिंसा की आग बूझने का नाम नहीं ले रही है. राज्य के अलग-अलग जगहों में लगातार हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. अब मणिपुर के तेंगनौपाल जिले के पैलेल में फायरिंग की दो अलग-अलग घटनाओं में गुरुवार को दो लोगों की मौत हो गई है. वहीं इस घटना में 50 अन्य लोगों की घायल होने की जानकारी है. घायलों में सेना का एक मेजर भी शामिल बताया जा रहा है.
स्थानीय लोग और पुलिस के बीच हुई गोलीबारी
इस हिंसा की घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि पैलेल के मोलनोई गांव में सुबह करीब 6 बजे हथियार लेकर आए लोगों के समूह और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई. इसमें एक व्यक्ति घायल हो गया. जिसे इलाज हेतु तुरंत ककचिंग के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं इस गोलीबारी की घटना में घायल एक और व्यक्ति को इंफाल क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) ले जाया गया. फिलहाल उसकी भी हालत गंभीर बताई जा रही है.
सेना के मेजर सहित चार सुरक्षाकर्मी घायल
सुरक्षाकर्मी और लोगों के बीच हो रही फायरिंग की खबर जैसे ही फैली, कमांडो वर्दी पहने मीरा पैबिस और अरामबाई तेंगगोल मिलिशियामेन सहित मैतेई समुदाय के लोगों की भीड़ ने सुरक्षा चौकियों को तोड़ने और पैलेल की ओर बढ़ने की कोशिश की. लेकिन असम राइफल्स के जवानों ने उन्हें रोक लिया. रोके जाने पर, भीड़ में शामिल कुछ हथियारबंद लोगों ने, जो पुलिस की वर्दी पहने हुए थे, फायरिंग शुरू कर दी. इसमें सेना का एक मेजर गोली लगने से घायल हो गया. घटना में तीन अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फारयरिंग शुरू कर दी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई.
घायल मेजर को लीमाखोंग सैनिक अस्पताल में कराया गया भर्ती
आपको बता दें कि बिगड़ती हुई हालात पर काबू पाने के लिए असम राइफल्स के जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे. इसमें करीब 45 महिलाएं और कुछ जवान घायल हो गए. दूसरी तरफ भीड़ को काबू करने के लिए इंफाल से पैलेल जा रहे RAF कर्मियों के दल को स्थानीय लोगों और मीरा पैबिस के लोगों ने थौबल में रोक दिया.