Independence Day 2023: आजादी का दुरुप्रयोग हमें कहीं तानाशाही की ओर तो नहीं ले जा रहा?
Independence Day 2023: 15 अगस्त 2023 को आजादी के 76 वर्ष पूरे हो जाएगे और हम सब उस दिन 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं. आजादी के इतने साल बाद भी सांप्रदायिकता, कट्टरता और आजादी भरे भाषण के दुरुप्रयोग और राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है...
Independence Day 2023: 15 अगस्त 2023 को आजादी के 76 वर्ष पूरे हो जाएगे और हम सब उस दिन 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं. आजादी के इतने साल बाद भी सांप्रदायिकता, कट्टरता और आजादी भरा भाषण के दुरुप्रयोग और राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है, आजादी को लेकर अब देश में दुरुप्रयोग की बातें भी होने लगी हैं, आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुप्रयोग के चलते अब रोजाना नए से नए प्रतिबंध लगाने जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं.
अगर हम बात आजादी के दुरुप्रयोग की बात करें को तो कुछ लोगों की बात से यह प्रेरणा मिलती है कि तानाशाही होना जरुरी है तो वहीं कहीं कहीं हम सब देखते है कि आज कल हर एक वर्ग जाती के लोगों में तालीबानी सोच होती है. आज के समय में हर वर्ग के लोग यहीं सोचते है कि सभी काम हमारे हिसाब से होना चाहिए वो इस बात को बिना तय किए सोच लेते है कि अगर हम ये काम करेंगे तो हमारे राष्ट्र, समाज में और आने वाले पीढ़ी पर इसका कितना फर्क पड़ेगा, अगर ऐसे में सभी लोग सब कुछ तय करेंगे तो लोकतंत्र कहां रहेगा?
फिर तो हम इसे गुलामी ही कहेंगे या अंग्रेजो की हो या स्वमं के धर्मनिरपेक्ष कहें जाने लोगों की हो, क्योंकि अच्छे शब्दों से कोई अपने भीतर के तानाशाह को छुपा जरूर सकता है परंतु सत्ता में जाकर वह वहीं कार्य करता है जो एक तानाशाह करता है, लेकिन उसका तरीका सभ्य होता है.
अगर हम लोकतंत्र और तानाशाही के बीच अंतर की बात करें तो..
लोकतंत्र - अगर हम सधारण शब्दों में कहें तो लोकतंत्र एक प्रकार की सरकार है जिसमें लोग अपनी बात सुन सकते हैं, लोकतंत्र जनता के द्वार संचालित शासन है. यहां लोगो की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है जिसके बिना यह अपना सार और स्वभाव खो देता है. नियम के इस रुप में लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व किया जाता है और उन्हें अवसरों का बराबर हिस्सा मिलता है, चाहे वे धार्मिक या जातीय अल्पसंख्यक से संबंधित हों. यहां किसी को भी सरकार की बुराई करने का अधिका है.
तानाशाही - तानाशाही एक प्रकार की सरकार है जहां एक व्यक्ति या लोगों का ग्रुप किसी भी सीमा के अभाव में बिना किसी रोक टोक के शक्ति का सुख लेता है, तानाशाह आमतौर पर राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए जबरन तरीकों का उपयोग करते है, फिर बाद में वे हिंसा, आतंक और नागरिक अधिकारों के निलंबन के माध्यम से अपनी सरकार बनाए रखते हैं वे अपने शासन को बनाए रखने के लिए दुष्प्रचार जैसे विभिन्न तरीकों का भी उपयोग करते है तानाशाह को अपनी मनपसंद की दिशा में देश पर शासन करने में मदद करता है भले ही देश के हित में आता है.